उच्च माध्यमिक व माध्यमिक शिक्षक भर्ती संघ ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर इच्छामृत्यु के लिए की मांग
प्रदेशव्यापी आंदोलन के अंतर्गत छतरपुर जिले के अभ्यर्थियों ने क्लेक्टर को सुनाई व्यथा, प्रशासन को दी चेतावनी
छतरपुर:- मध्यप्रदेश पात्रता परीक्षा-2018 में चयनित उच्च माध्यमिक एवं माध्यमिक शिक्षकों ने कलेक्टर कार्यालय में राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपते हुए इच्छामृत्यु की मांग की गई है। चयनित शिक्षक संघ ने कलेक्टर कार्यालय में अपर कलेक्टर से अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि एक लंबे अर्से से मांग के बाद शिक्षकों की भर्ती परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें 2018 में उच्च माध्यमिक व माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित होने के बाद कछुआ चाल से प्रकिया को पूरा किया जा रहा है।
लगभग 2 वर्षों के बाद 1 जुलाई को दस्तावेज सत्यापन को शुरु किया गया. इसके बाद अचानक 3 जुलाई को कोरोना के नाम पर प्रकिया को स्थगित कर दिया गया। जबकि इस प्रकिया को प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार सोशल डिस्टेंस के साथ पूरा जा रहा था, इसमें अभ्यर्थी शत-प्रतिशत अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे थे। वहीं पड़ोसी राज्यों एवं प्रदेश सरकार द्वारा दूसरे विभागों में सभी गतिविधियों को बिना किसी रुकावट के साथ समपन्न कराया जा रहा है।
लंबे समय से भर्ती प्रकिया पूर्ण न होने की वजह से सभी अभ्यर्थी शारीरिक एवं मानसिक रुप से पताड़ित हैं सभी को अपना भविष्य अंधकारमय दिखाई दे रहा है। चयनित अभ्यर्थी संघ द्वारा समय-समय पर सोशल मीडिया पर विभिन्न प्लेटफॉर्म व ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन एवं शिक्षा विभाग को परेशानियों से अवगत कराया जा रहा है। लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदारों द्वारा कोई संतुष्टिजनक आश्वासन नहीं दिया जा रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश में 19200 उच्च माध्यमिक तथा 11374 माध्यमिक चयनित शिक्षक हैं.
मध्यप्रदेश में वर्ष 2011 के 8 वर्ष बाद सितंबर 2018 में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी, जो कि आज तक पूर्ण नहीं हुई है। लगातार प्रशासन एवं सरकार की अनदेखी के चलते संघ ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपते हुए इच्छामृत्यु प्रदान करने की मांग की है। इस अवसर पर सुनील कुमार दीक्षित, इंद्रकुमार रावत, हर्देश मिश्रा, आनंद मिश्रा, उमा मिश्रा, रामजीत सिंह सेंगर, शमा बानों, इमरान खान सहित अन्य चयनित अभ्यर्थी मौजूद रहे।
काला दिवस के रुप में मनेगा शिक्षक दिवस
उच्च माध्यमिक व माध्यमिक शिक्षक भर्ती संघ ने जिम्मेदारों को चेतावनी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री एवं शिक्षा विभाग के गैर जिम्मेदाराना रवैया से आहात होकर आगामी 28 अगस्त को चयनित शिक्षक संघ द्वारा भर्ती प्रकिया जल्द पूर्ण न कराने की स्थिति में शिक्षक पात्रता परीक्षा के परिणाम की प्रतियों का दहन, सामूहिक मुंडन करने के लिए मजबूर होंगे। इसके बाद 5 सिंतबर को शिक्षक दिवस को काला दिवस के रुप में मनाते हुए अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल और आमरण अनशन के लिए मजबूर होंगे जिसके लिए पूर्णतः जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
अवनीश चौबे, संवाददाता छतरपुर