आखिर क्यों महाराजपुर में लॉकडाउन के बीच सड़को पर उतरे पान किसान?

छतरपुर जिले के महाराजपुर तहसील अंतर्गत सड़कों पर उतरे हजारों की तादाद में किसान , मदद की आशा लिए पान किसान कई बार अपनी आपबीती प्रशासन को सुनाने के बावजूद जब उनकी सुनवाई पूरी करने के लिए किसी भी प्रशासनिक अधिकारी के पास समय नहीं था तो बेबसी ने सड़कों पर जाने के लिए मजबूर कर दिया तहसीलदार से लेकर एसडीएम और जिले के मुखिया को भी अपनी आपबीती ज्ञापन के माध्यम से बताई

लेकिन किसी ने भी इतनी हिमाकत नहीं दिखाई कि इनके ऊपर भी दया दृष्टि दिखाई जाए इनकी रोजी रोटी के ऊपर भी ध्यान दिया जाए चार चार लोग डाउन झेलने के बाद जब पूरी तरह नष्ट होने की कगार पर खड़ी पान की फसल जब सामने दिख रही है और भूखे पेट कुछ खाने के लिए आगे नजर नहीं आ रहा हेवतो मजबूरी मेवकदम चल पड़े सड़क की ओर और अपनी मांगों को लेकर हजारों की संख्या में जाकर महाराजपुर बस स्टैंड पर जाम लगा दिया प्रशासनिक लापरवाही के कारण इन दुखी पान किसानों के आंसू पोछने के लिए मौके पर कोई जनप्रतिनिधि नजर नही आया और जो प्रशासन था वह भी अपनी जिम्मेदारी से बचता हुआ नजर आया।

महाराजपुर में आजीविका का मुख्य साधन पान की फसल ही है मौजूदा प्रशासन को यह अच्छी तरह से मालूम होने के बावजूद इस ओर कोई भी ध्यान देने के लिए तैयार नहीं है हर बार अपने आप को चुनावी मुद्दा बनाकर और मीठे लुभावने वादे करने के बाद यह जनप्रतिनिधि वैसे ही गायब हो जाते हैं जैसे जलते हुए अंधेरे के साथ सूरज और अगले चुनाव में फिर मुलाकात होती है फिर मुद्दा बनते हैं और चुनाव जाते ही फिर गायब हो जाते हैं

आखिर यह सौतेला व्यवहार कब तक किया जाएगा बावजूद इसके अन्य जिलों में जहां पर पाला एवं चक्रवात का मुआवजा दिया जा चुका है लेकिन छतरपुर जिला और यहां का प्रशासन इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है और ना ही इन को किसी भी प्रकार की कोई राहत मिल रही है और न पान गुमटियां खोलने की इजाजत है आखिर इनके साथ इतना सौतेला व्यवहार किस लिए?

ज्ञापन के माध्यम से आज फिर प्रशासन को चेताया और बताया कि अगर 3 दिवस के अंदर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो इससे भी उग्र आंदोलन अब जिला स्तर पर किया जाएगा क्योंकि हम भूखे पेट तो मर ही रहे हैं इससे अच्छा है कि प्रशासन डंडे चलाकर हमारी जान ले ले यूं घुट-घुट कर जीने से अच्छा वह 1 दिन की जिंदगी सबसे अच्छी लगती है आखिर हमारी भी तो परिवार की जरूरतें हैं कैसे हम अपने परिवार का भरण पोषण करें इस पान समुदाय की ओर भी प्रशासन समय रहते ध्यान दें।

अवनीश चौबे रिपोर्टर छतरपुर

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