पीएम मोदी को जन्मदिन पर वैक्सीनेशन फर्जीवाड़े का तोहफा: आगर-मालवा में एक मृत महिला को लगा वैक्सीन, तो वहीं आगर में बैठी महिला को राजस्थान में लग गया कोविशील्ड का सेकंड डोज
आगर-मालवा। शुक्रवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 71वां जन्मदिन बड़ी धूमधाम से मनाया गया. ठीक इसी दिन कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत 2 करोड़ से अधिक डोज लगाने का दावा किया गया यानी कि इसके पहले जो रिकॉर्ड हमारे देश ने टीकाकरण में बनाया था उसी रिकॉर्ड को तोड़कर उससे ज्यादा डोज लगाए गए। कोरोना के खिलाफ यह एक बड़ी उपलब्धि हो सकती है, इसमें कोई शक नहीं मगर जब मृतक लोगों को ही वैक्सीन का डोज लगने का प्रमाण पत्र जारी हो जाए तो तमाम तरह के सवाल खड़े होते हैं। ऐसे ही सवाल पहले भी उठते रहे हैं जिनका जवाब अभी तक नहीं मिला।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 200 किलोमीटर दूर आगर-मालवा जिला मुख्यालय पर आशुतोष शर्मा मोबाइल में अपनी मृत माताजी की यादों को सहेजने की कोशिश कर रहे हैं, कभी नजरें इस कागज पर जाती है तो कभी उस कागज पर। विद्या शर्मा को 8 मार्च को कोविशिल्ड वैक्सीन का पहला डोज लगा। जून के पहले सप्ताह में दूसरा डोज लगाया जाना था, मगर 1 मई 2021 को विद्या शर्मा का निधन कोरोना के चलते हो गया। अब करीब 4 महीने बाद 17 सितंबर को उनके पुत्र आशुतोष के मोबाइल पर मैसेज आता है कि विद्या शर्मा का कोविशिल्ड का दूसरा डोज 17 सितंबर को नगर पालिका टाउन हाल के वैक्सीनेशन सेंटर में लगाया जा चुका है। आशुतोष ने वेबसाइट खंगाली तो वहां से कोविशिल्ड के दूसरे डोज का सर्टिफिकेट भी मिल गया। अब आशुतोष आंकड़ों की सरकारी बाजीगरी पर सवाल उठा रहे हैं।
कहानी यहीं खत्म नहीं होती है। आगर के ही छावनी क्षेत्र में रहने वाली 26 वर्षीय पिंकी वर्मा को 8 जून को कोविशील्ड वैक्सीन का पहला डोज लगवा चुकी है और दूसरा डोज लगना अभी बाकी है। अब 17 सितंबर को अचानक से मोबाइल पर आए मैसेज को देख कर चौक गई कि उनका वैक्सीनेशन का दूसरा डोज लग चुका है,, वह भी राजस्थान के झालावाड़ जिले के डग में स्थित टीकाकरण केंद्र पर। पिंकी सरकार पर आंकड़ों में हुई गड़बड़ी का आरोप लगाती है।
दावा किया गया है कि मध्य प्रदेश में 80% वयस्क आबादी को कोरोना वैक्सिन का पहला डोज लगाने का लक्ष्य हासिल कर लिया है। शुक्रवार को ही देश में टीकाकरण के सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 2.23 करोड़ टिके लगाने का दवा भी हुआ। करीब ढाई महीने पहले ही मध्यप्रदेश टीकाकरण के मामले में देश में सातवें स्थान पर था जो अब आंकड़ों के हिसाब से दूसरे स्थान पर आ गया है, जिस तरह के मामले सामने आ रहे हैं उससे साफ होता है कि यह आंकड़े कैसे हासिल किए गए होंगे।