इंदौर में पहली बार हुआ कोरोना संक्रमित के शव का पोस्टमार्टम, हुए कई चौकानें वाले खुलासे

इंदौर। शहर के अरविंदो अस्पताल में एक 40 साल वर्षीय व्यक्ति की असामान्य मृत्यु हो गई. वह किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित नही था. डॉक्टरों ने बताया कि मृत्यु के बाद शव को अस्पताल में लाया गया था, क्योंकि मौत असामान्य थी इसलिए उसका पोस्टमार्टम किया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए है.

युवक का पोस्टमार्टम करने वाले अरविंदो अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के डाॅ. पंकज नेमा बताते है कि पोस्टमार्टम में युवक के फेफड़ों का आकार बढ़ा हुआ था. उसमें सूजन थी और निमोनिया के लक्षण भी थे. फेफड़े तैलीय और चमकदार थे. पूरे फेफड़ों की रक्त प्रवाह नलियों में रक्त के छोटे और बड़े थक्के भरे हुए थे. इन थक्कों के खून का रंग काला पड़ गया था. उसके ह्दय के दोनों वेंट्रिकल्स में भी इसी तरह के काले थक्कों के साथ रक्त काला पड़ गया था. मस्तिष्क की रक्त प्रवाह करने वाली नलियों में गहरे काले रंग के चमकदार थक्के मौजूद थे. इन तीनों वाइटल आर्गन्स (जीवनीय अंगों) में खून का इस अवस्था में होना पूरी तरह से असामान्य था.

डॉक्टर का कहना है कि कोरोना के कारण ही संभवत: युवक के शरीर में ये बदलाव आए और इसी के कारण उसकी मौत हो गई. बाद में पूछताछ में परिजनों ने बताया कि युवक को छह-सात दिनों से बुखार आ रहा था और सांस लेेने में दिक्कत भी हो रही थी. वह घर पर ही रहकर इलाज करवा रहा था. युवक की ना तो कोविड जांच हुई थी और न ही सिटी स्कैन हुआ था. उसकी रक्त जांच में CRP का 138 होना भी कही ना कही कोरोना की पुष्टि करता है.

डॉ. नेमा के अनुसार, तीनों जीवनीय अंगों में इतनी अत्यधिक मात्रा में रक्त के थक्कों का मिलना मेरे जीवन का पहला मामला है. पोस्टमार्टम के दौरान किसी रोगी में कोविड संक्रमण से हुई मौत में पहली बार इस तरह के लक्षण पोस्टमार्टम में देखने को मिले है.

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