मध्यप्रदेश में कोरोना का बच्चों पर अटैक, भोपाल में 14 वर्ष तक के 2699 बच्चे हुए कोविड पॉजिटिव, 577 को अस्पताल में करना पड़ा भर्ती

भोपाल। मध्यप्रदेश में जहां कोरोना संक्रमण बड़े लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है तो वहीं इस दूसरी लहर में बच्चे भी कोरोना पॉजिटिव होने से अछूते नहीं रहे. राजधानी भोपाल में 2699 बच्चे जिनकी आयु 14 वर्ष या उससे कम है वह लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. वही करीब 577 बच्चे कोरोना संक्रमण के कारण इतने गंभीर हो गए कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. शिवराज सरकार कोविड-19 की तीसरी लहर से लड़ने की पूरी तैयारी में लगी हुई है. इधर विशेषज्ञों की मानें तो तीसरी लहर में हर रोज भोपाल में 1000 बच्चे कोरोना संक्रमित पाए जाएंगे. यह आंकड़े अभी से सोचने में ही काफी भयानक महसूस हो रहे हैं.

कोरोना की दूसरी लहर में ज्यादातर युवा संक्रमित हुए, लेकिन तीसरी लहर बच्चों पर असर करेगी. ऐसा अनुमान है कि तीसरी लहर में भोपाल में हर दिन जितने नए केस मिलेंगे, उनमें 50% पॉजिटिव 0 से 14 साल के बच्चे होंगे. इनमें से भी हर रोज 200 बच्चे अस्पताल में भर्ती होंगे. यदि यह अनुमान सही साबित हुआ तो तीसरी लहर शुरू होने के छह दिन बाद ही नो-बेड के हालात बन सकते हैं, क्योंकि अभी शहर के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में बच्चों के लिए सिर्फ 1300 बेड ही हैं. इनमें 500 बेड एनआईसीयू और पीआईसीयू के हैं.

तीसरी लहर में एक हजार बेड और चाहिए. इनमें भी 300 ICU और 700 ऑक्सीजन सपोर्ट वाले हो जब कोई बात बने. ये सारे अनुमान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी को ध्यान में रखकर लगाए गए हैं. इसमें बताया गया था कि तीसरी लहर भी दूसरी की तरह ही होगी, लेकिन इसमें 50 प्रतिशत मरीज बच्चे हो सकते हैं. एनएचएम की कोविड पॉजिटिव पेशेंट लाइन लिस्ट रिपोर्ट की मानें तो दूसरी लहर में भोपाल में 2699 बच्चे संक्रमित हुए. अच्छी बात ये है कि इनमें से 58% घर पर रहकर ही स्वस्थ हुए हैं. 32% ही अस्पताल गए थे. अभी फिलहाल में 660 बच्चे होम आइसोलेशन में हैं. वही कुल 72% स्वस्थ हो चुके हैं.

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