आगर जिले में पहली बार बौद्ध रीति-रिवाज से बंधन में बंधे नवयुगल.

लॉकडाउन में कई तरह की शादियां हुई, उनमे से कई विवाह को अनोखा विवाह बताया गया लेकिन आज हम जिस विवाह के बारे में आपको बताने जा रहे है वह शादी जिले में एक मिसाल के तौर पर साबित हो रही है.

हम बात कर रहे है मध्यप्रदेश के आगर-मालवा जिले में हाल ही में हुए एक विवाह आयोजन की यह विवाह आयोजन अपने आप में एक मिसाल साबित हुआ है। यह विवाह जिले में बौद्ध रीति से सम्पन्न पहला विवाह है। बता दे मध्यप्रदेश पटवारी संघ के जिला अध्यक्ष एवं बामसेफ (कांशीराम जी) मध्यप्रदेश के अध्यक्ष श्री सिद्धनाथ सिंह की पुत्री का विवाह आयोजन था जो बौद्ध रीति से सम्पन्न कराया गया। विवाह आयोजन में ना कोई फेरे हुए और ना ही कोई फिजूल ख़र्च। विवाह आयोजन की रीति में कई अनेक प्रकार के परिवर्तन देखने को मिले।
आपको हम आम विवाह से इस विवाह में क्या अंतर है यह बताते है:
अम्बेडकरवादी सिद्धांतो पर चलने वाले श्री सिद्धनाथ सिंह ने अपनी पुत्री के विवाह में लगन लिखने के लिए अलग ही रीति निभाई उनके द्वारा तथागत भगवान बुद्ध एवं बाबा साहब को साक्षी मानकर भीम जन्मभूमि महू के नाम के लगन स्वयं द्वारा लिखे गए जबकि अन्य विवाह में मंदिर में ब्राह्मण द्वारा लगन लिखे जाते है।

वहीं बात जब हिन्दू विवाह आयोजन की करे तो शादी की शुरुआत माता पूजन से होती है लेकिन इस विवाह में शादी की शुरुआत कुलगुरु पूजन व बुद्ध वंदना से हुई.

हम यह कह सकते है की यह जिले में एक आदर्श विवाह की मिसाल है। सम्राट अशोक के समय मे बौद्ध रीति-रिवाज से विवाह होते थे उसके बाद यह प्रथा बन्द हो गई थी लेकिन अब यह प्रथा फिर से जीवित होती दिखाई दे रही है।
विवाह में ना तो साथ फेरे लिए गए और ना ही कोई फिजूल खर्च किया गयाविवाह में दोनों वर-वधु पवन सिलोरिया व चेतना सिंह ने पंचशील प्रतिज्ञा लेकर एक दूसरे का जीवन भर साथ निभाने का वचन लेकर एक दूसरे को वर माला पहनाकर विवाह सम्पन्न हुआ।
बता दे इस विवाह में किसी तरह का कोई दहेज नहीं दिया गया वही इसके बदले श्री सिद्धनाथ सिंह द्वारा अपनी पुत्री के बैंक अकाउंट में ₹100000 (एक लाख रुपये) की एफ.डी कराई गई। वहीं बारातियों का स्वागत भी हाल ही में प्रचलित हैंड सेनीटाइजर से किया गया. वही सभी बारातियों को बाबासाहेब आंबेडकर, गौतम बुद्ध की तस्वीर भेंट की गई. आपको एक बार फिर बता दे आगर जिले में बौद्ध रिती-रिवाज से संपन्न हुआ चेतना सिंह और पवन सिलोरिया का यह विवाह पहला एवं आदर्श विवाह है.

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