भाजपा-कांग्रेस से कौन हो सकते है टिकट के दावेदार, जाने दि टेलीग्राम पर.

आगर विधानसभा (अनुसूचित जाति आरक्षित सीट)

मध्यप्रदेश में जल्द ही उपचुनाव की तरीक का एलान हो जाएगा। पूरे प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है ऐसे में विधानसभा क्षेत्रों में दावेदारी करने वाले नेताओं की संख्या भी बढ़ती दिखाई दे रही है. वही कई स्थानीय नेता है तो, कई बाहरी. कई को मौके मिल चुके है और कई अपनी किसमत आजमाने का प्रयास कर रहे है। बता दे 24 विधानसभा में से 22 विधानसभा से कांग्रेस विधायकों कांग्रेस में मतभेद के चलते इस्तीफे दिये थे जिसमें कई बड़े नाम शामिल थे। वही 2 विधानसभा पर विधायक की मृत्यु के चलते विधानसभा सीट रिक्त हो गई थी, उनमे से एक कांग्रेस व एक भाजपा के पाले में थी। अब इन सभी 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना तय है।
आज हम बात कर रहे है आगर विधानसभा की आगर विधानसभा हमेशा से बीजेपी का गढ़ मानी जाती है।आगर विधानसभा को हम भाजपा का गढ़ इसलिए बता रहे है क्योंकि आगर विधानसभा पर 1952 से लेकर 2020 तक सिर्फ कांग्रेस के दो ही विधयक रहे है उन दो विधायक के नाम भी हम आपको बता देते है.
1972 में मधुकर मरमट, कांग्रेस से विधायक बने थे.

1998 में रामलाल मालवीय, कांग्रेस से विधायक बने थे.

इनके अलावा आज तक आगर विधानसभा पर कोई भी कांग्रेसी नेता अपना झंडा नही लहरा पाया।

अब देखते है की आखिर दोनों पार्टी के कौन-कौन से नेता उपचुनाव में दावेदारी कर सकते है. हम पहले बात करते है कांग्रेस की तो कांग्रेस से दावेदारी करने के लिए कई नेता है आइये जानते है कौन है वो.

विपिन वानखेड़े (Vipin Wankhede)

●वर्तमान में एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष है.
●छात्र राजनीति का अच्छा-खासा अनुभव है.
●वर्ष 2018 में बीजेपी के मनोहर ऊंटवाल के सामने चुनाव लड़ा था और काफी काटे की टक्कर दोनों उम्मीदवारों के बीच देखने को मिली थी हालांकि जीत का अंतर भी काफी कम था।

राजकुमार गोरे (Rajkumar Gore)

●2013 में कांग्रेस से उपचुनाव लड़ा था।

●2018 के चुनाव में भी कांग्रेस से टिकट की दावेदारी की थी।

कांग्रेस के कद्दावर नेता सज्जनसिंह वर्मा के करीबी माने जाते है।

लालूराम मालवीय (Laluram Malviya)

●जिला पंचायत सदस्य है.

ग्रामीण क्षेत्र से आते है और ग्रामीण क्षेत्र में अच्चा वर्चस्व है।

●पूर्व में जनपद पंचायत सदस्य भी रह चुके है।

गौरीशंकर सुर्यवंशी (Gorishankar Suryavanshi)

●कांग्रेस अजा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष है।

●वर्तमान में कानड़ नगर परिषद में पार्षद है।

आगर विधानसभा की भारी संख्या वाली वोटर मेघवाल समाज से आते है और समाज मे अच्छा-खासा वर्चस्व है।

उक्त बताए गए सभी नेता कांग्रेस से उपचुनाव में दावेदारी कर सकते है।

अब बात करते है भाजपा की तो यह सीट जैसा की हमने बताया की भाजपा का गढ़ मानी जाती है तो आइये देख लेते है भाजपा कौन-कौन से नेता टिकट की दावेदारी कर सकते है.

बंटी ऊंटवाल (Banti Untwal)

●स्वर्गीय विधायक मनोहर ऊंटवाल के पुत्र है. पिता की सीट पर दावेदारी कर सकते है.

पिता के साथ रहने का अनुभव है, और भाजपा की ओर से प्रबल दावेदार माने जा रहे है.

रेखा रत्नाकर (Rekha Ratnakar)

●वर्ष 2003 में भाजपा से विधायक रह चुकी है.

●इनके भाई अनिल फिरोजिया उज्जैन लोकसभा सीट से वर्तमान में सांसद है।

मधु गेहलोत (Madhu Gehlot)

2013 में कांग्रेस से टिकट लेकर उपचुनाव लड़ा था.

●2018 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे.

●लगातार क्षेत्र में रहकर लोगो से सम्पर्क बनाए हुए है.

गोपाल वर्मा (Gopal Verma)

इनके पिता पूर्व में सांसद रह चुके है।

●समर्थकों के साथ लगातार क्षेत्र में बने हुए है और जनता से सम्पर्क बनाने में लगे है।

ओम मालवीय (Om Malviya)

स्थानीय युवा नेता है वही भारतीय जनता युवा मोर्चा के विभिन पदों पर कार्यरत रह चुके है और टिकट के दावेदार माने जा रहे है.

चिंतामण मालवीय (Chintaman malviya)

सूत्रों के हवाले से खबर है की पूर्व उज्जैन सांसद चिंतामण मालवीय भी आगर विधानसभा से दावेदारी कर सकते है।

तो यह सभी लोग उपचुनाव में दोनों पार्टियों से दावेदारी कर सकते है अब यह तो देखने वाली बात होगी की किसकी किस्मत चमकेगी और किसके अरमान टूटेंगे .

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