दुनिया को अलविदा कह गए मसालों के बादशाह MDH वाले ‘महाशय’ धर्मपाल, हार्ट अटैक से निधन

मसालों के बादशाह एमडीएच ग्रुप (MDH) के मालिक महाशय धर्मपाल जी का आज निधन हो गया है. सुबह 5.38 पर उन्होंने अंतिम सांस ली. ​​वह 98 साल के थे. कोरोना से ठीक होने के बाद हार्ट अटैक से उनका निधन हुआ. पिछले साल उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था.

नई दिल्ली….

‘दलाजी’ और ‘महाशयजी’ के नाम से मशहूर धरमपाल गुलाटी का जन्म 1923 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था. स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ने वाले धर्मपाल गुलाटी शुरुआती दिनों में अपने पिता के मसाले के व्यवसाय में शामिल हो गए थे. 1947 में विभाजन के बाद, धर्मपाल गुलाटी भारत आ गए और अमृतसर में एक शरणार्थी शिविर में रहे.

फिर वह अमृतसर से दिल्ली आ गए और दिल्ली के करोल बाग में एक स्टोर खोला. गुलाटी ने 1959 में आधिकारिक तौर पर कंपनी की स्थापना की थी. यह व्यवसाय केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया में भी फैल गया. इससे गुलाटी भारतीय मसालों के एक वितरक और निर्यातक बन गए.

गुलाटी की कंपनी ब्रिटेन, यूरोप, यूएई, कनाडा आदि सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भारतीय मसालों का निर्यात करती है. 2019 में भारत सरकार ने उन्हें देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया था. MD H मसाला के अनुसार, धर्मपाल गुलाटी ने अपने वेतन का लगभग 90 प्रतिशत दान किया है.

धरमपाल गुलाटी कक्षा पांचवीं तक पढ़े थे. आगे की पढ़ाई के लिए वह स्कूल नहीं गए. उन्होंने भले ही किताबी शिक्षा अधिक ना ली हो, लेकिन कारोबार में बड़े-बड़े दिग्गज उनका लोहा मानते थे. यूरोमॉनिटर के मुताबिक, धरमपाल गुलाटी एफएमसीजी सेक्टर के सबसे ज्यादा कमाई वाले सीईओ थे. सूत्रों ने बताया कि 2018 में 25 करोड़ रुपये इन-हैंड सैलरी मिली थी. गुलाटी अपनी सैलरी का करीब 90 फीसदी हिस्सा दान कर देते थे. वह 20 स्कूल और 1 हॉस्पिटल भी चला रहे थे.

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