कोरोना काल में स्टेशनरी कारोबार का बुरा हाल, लगभग दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का हुआ है नुकसान

स्टेशनरी से जुड़े व्यापार में करीब 2 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. करीब 15000 स्टेशनरी से जुड़े व्यापरियों पर इस महामारी का सीधा असर पड़ा है. जनवरी के महीने से ही सारे स्टेशनरी वाले अपना स्टॉक गोदामों में जमा करके रख लेते थे. लेकिन अप्रैल, मई और जून में स्टेशनरी के कारोबार का पीक टाइम होता है.

नई दिल्ली: कोरोना काल ने स्टेशनरी के कारोबार पर बुरी तरह प्रभाव डाला है. पिछले करीब 4 महीने से अधिक वक्त से देशभर में स्कूल बंद हैं, जिस वजह से स्कूलों में इस्तेमाल होने वाले चीजें नहीं बिक सकी हैं. इसका असर स्टेशनरी से जुड़े कारोबारियों पर पड़ा है. स्टेशनरी के सामान जैसे- कॉपी, पेंसिल, ज्योमेट्री बॉक्स वगैरह लॉकडाउन के वक्त गोदामों में पड़े रह गए.

स्टेशनरी से जुड़े व्यापार में करीब 2 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. करीब 15,000 स्टेशनरी से जुड़े व्यापरियों पर इस महामारी का सीधा असर पड़ा है. जनवरी के महीने से ही सारे स्टेशनरी वाले अपना स्टॉक गोदामों में जमा करके रख लेते थे. लेकिन अप्रैल, मई और जून में स्टेशनरी के कारोबार का पीक टाइम होता है.

इस साल मार्च, अप्रैल और मई- इन तीन महीनों में सभी व्यापार, दुकान, स्कूल, दफ्तर वगैरह पूरी तरह से बंद रहे, जिसकी वजह से स्टेशनरी के कारोबारियों को बहुत नुकसान हुआ है.

दिल्ली में करीब 1000 स्टेशनरी का कारोबार करने वाले दिल्ली स्टेशनर्स एसोसिएशन से जुड़े हुए हैं और इस एसोसिएशन के मेंबर्स हैं.

दिल्ली स्टेशनर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी श्याम सुंदर रस्तोगी ने आईएएनएस को बताया, “दिल्ली में लगभग 15 हजार से 20 हजार स्टेशनरी का कारोबार करने वाले लोग हैं, जिसमें होलसेलर, मेन्युफैक्च र्स, रिटेलर, फाइल वाले, कॉपी वाले, पेपर वाले आदि शामिल हैं.”

उन्होंने कहा, “कोविड महामारी जिस महीने शुरू हुई, वो हमारा पीक टाइम होता है. बच्चे स्कूल जाते हैं, तो नया सामान लेकर जाते हैं. इस बार ऐसा नहीं हुआ और इस बार सब मिलाकर 2 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.”

रस्तोगी ने कहा कि अप्रैल, मई और जून- ये तीन महीने स्टेशनरी कारोबारियों के लिए ‘सीजन’ होते हैं. हर साल इन तीन महीनों में करीब 3000 करोड़ से लेकर 4000 करोड़ तक का कारोबार होता था.

उन्होंने कहा, “जनवरी के महीने से ही मैन्युफैक्च र्स माल स्टॉक करना शुरू कर देते हैं. लॉकडाउन में करीब 1600 करोड़ का स्टॉक गोदामों में रखा रह गया है.”

रस्तोगी ने कहा, “हम लोग लॉकडाउन के बाद से अब तक 25 फीसदी ही व्यापार कर पाए हैं. दिल्ली देश का सप्लाई हब है. दिल्ली के सदर बाजार और नई सड़क से पूरे देशभर में स्टेशनरी का माल जाता है. स्टेशनरी में स्कूल बैग, बोतल, सेलो टेप, जियोमैट्री बॉक्स, गम स्टिक, किताबें, कॉपियां और फाइल शामिल हैं.

(आईएएनएस)

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