आगर: भीम आर्मी ने संविधान दिवस के अवसर पर निकाली वाहन रैली
आज संविधान दिवस के अवसर पर भीम आर्मी ने वाहन रैली निकाली, जो शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंची.
आगर मालवा। हमारे देश के संविधान के आज 70 साल पूरे हो गए हैं, जिसका जश्न देश में हर जगह पर मनाया जा रहा है. आगर जिले में भी संविधान दिवस के अवसर पर भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने शहर में एक वाहन रैली निकाली. यह वाहन रैली पुरानी कृषि उपज मंडी से प्रारंभ हुई, जो शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंची. इसी के साथ कार्यकर्ताओं ने गुंदीकला गांव में श्मशाम घाट के रास्ते पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर कलेक्टर के नाम पर आवक-जावक शाखा प्रभारी एसएस भूरिया को ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन में बताया गया कि, गांव में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के लिए अलग से श्मशान घाट बनाया गया था. इस श्मशान घाट तक जाने के लिए पहले व्यवस्थित रास्ता था, लेकिन गांव के ही कुछ दबंगों ने श्मशान घाट के रास्ते पर अवैध कब्जा कर लिया, जिसकी वजह से शवयात्रा ले जाने में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
भीम आर्मी के प्रदेश उपाध्यक्ष दुले सिंह सूर्यवंशी ने बताया कि, इस गांव में बेवजह अजा वर्ग के लोगों को परेशान किया जा रहा है. श्मशाम घाट के रास्ते पर अवैध अतिक्रमण किया गया है, जिसे जल्द हटाने की कार्रवाई की जाए.
क्यो मनाया जाता है संविधान दिवस
हर वर्ष 26 नवंबर का दिन देश में संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है. बता दें 26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है. 26 नवंबर, 1949 को ही देश की संविधान सभा ने वर्तमान संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था. हालांकि इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था. भारतीय संविधान में सभी वर्गो के हितों के मद्देनज़र विस्तृत प्रावधानों को शामिल किया गया है. सर्वोच्च न्यायालय की विभिन्न व्याख्याओं के माध्यम से भी बदलती परिस्थितियों के अनुसार विभिन्न अधिकारों को इसमें सम्मिलित किया गया.
कब और क्यों लिया गया संविधान दिवस मनाने का फैसला
वर्ष 2015 में संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर किब125वीं जयंती वर्ष के रूप में 26 नवंबर को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इस दिवस को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने के केंद्र सरकार के फैसले को अधिसूचित किया था. संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है.