महिलाकर्मी से छुट्टी के बदले किस मांगने वाले एडीएम ने घटना के 3 दिन बाद तोड़ी चुप्पी
आगर-मालवा। कलेक्ट्रेट आगर में पदस्थ एक महिला कर्मचारी द्वारा अपर कलेक्टर एनएस राजावत पर अभद्र व्यवहार अन्य संगीन आरोप लगाए जाने के बाद एडीएम ने करीब 3 दिन बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कलेक्टर के समक्ष लिखित में अपना पक्ष रखा है.
9 अक्टूबर को लिखित में कलेक्टर के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए एडीएम ने पत्र की एक कॉपी मीडिया को देते हुए बताया कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं और उनके विरुद्ध षड्यंत्र रचा गया है. एडीएम ने अपने पत्र में यह भी बताया कि जो महिला उन पर आरोप लगा रही है, वह पिछले 3 वर्षों से कार्य कर रही है तथा आए दिन विभिन्न फाइल ले लेकर मेरे पास आती रही है किंतु इतने वर्षों में कभी ऐसी स्थिति नहीं बनी. संबंधित महिला कर्मचारी बार-बार अवकाश लेने की आदी होकर जब मेरे पास अवकाश लेने आए तो मेरे द्वारा यह जानकारी मांगी गई कि अल्प सेवाकाल में कब-कब में कितने अवकाश लिए गए. मेरे द्वारा की गई जांच पड़ताल से महिला कर्मचारी को लगा कि संभवत मेरा अवकाश स्वीकृत नहीं हो पाएगा, तो वह मेरे कक्ष से रोते हुए बाहर निकल गई और अन्य कर्मचारियों के पूछने पर जुटी एवं बेबुनियाद कहानी बनाकर मुझे बदनाम किया गया.
एडीएम ने अपने पत्र में यह भी बताया कि 3 वर्षों से उनके साथ स्टेनों के रूप में कार्य कर रही महिला कर्मचारी जो रोज दिन में कई बार शासकीय कार्य से मेरे चैम्बर में आती हैं जब उसके साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ तो मुझ पर लगाया गया यह आरोप कैसे संभव है.
जब संबंधित महिला ने व अन्य कर्मचारियों ने स्टेनों को शिकायत के लिए कहा तो वह उनके साथ भी नहीं गई. स्टेनो से मेरे कार्य व व्यवहार की जानकारी ली जा सकती है.
एडीएम ने शिकायतकर्ता महिला कर्मचारी से ठोस सबूत मांगे जाने एवं निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए यह भी बताया कि उन पर जो आरोप लगा है वह उनकी सेवा काल में दाग है और चरित्र हनन की कोशिश की गई है।