जन्मदिन के बहाने मलैया का शक्ति प्रदर्शन,घुर विरोधी और कांग्रेसी भी कार्यक्रम में रहे मौजूद


दमोह। विधानसभा में आसन्न उपचुनाव को देखते हुए प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया ने आज जन्मदिन के बहाने शक्ति प्रदर्शन कर अपनी धमाकेदार वापसी के संकेत दिए हैं।
कांग्रेस से विधायक रहे राहुल सिंह के भाजपा में शामिल होने और विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद इतना तो तय हो गया है कि आगामी कुछ ही महीनों के भीतर ही दमोह में भी उपचुनाव होगा। इसी उपचुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और भाजपा के टिकट के प्रबल दावेदार सक्रिय हो गए हैं। इसी बीच दमोह में 35 वर्षों तक एकछत्र राज करने वाले प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया ने आज अपने जन्मदिन के बहाने आयोजित कार्यक्रम में जोरदार शक्ति प्रदर्शन कर अपनी वापसी के संकेत दिए हैं।राजनीतिक हलकों में जयंत मलैया के जन्मदिन को पुनः चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है ।


इसी बीच आज स्थानीय एक मैरिज गार्डन में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं विशेषकर मलैया समर्थकों ने एक भव्य का आयोजन किया। कार्यक्रम भले ही जन्मदिन के रूप में आयोजित किया गया था लेकिन इसका मूल उद्देश्य चुनाव के ठीक पहले शक्ति प्रदर्शन ही रहा है । शक्ति प्रदर्शन के माध्यम से इशारों ही इशारों में यह बताने की कोशिश की गई है कि केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल अपने समर्थक राहुल सिंह लोधी के लिए टिकट दिलवाने में कितनी ही ताकत लगा ले लेकिन जयंत मलैया भी किसी भी कीमत पर पीछे हटने वाले नहीं हैं।

मलैया को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने ग्रामीण क्षेत्रों से उनके समर्थक पहुंचे। तो दूसरी तरफ व्यापारिक, राजनीतिक और सामाजिक संगठन के प्रमुख भी बड़ी संख्या में मंच पर दिखे। कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष अजय टंडन भी अपने पूरी टीम और समर्थकों के साथ मलैया को बधाई देने पहुंचे। तो दूसरी तरफ जयंत मलैया के घुर विरोधी माने जाने वाले और कभी मलैया परिवार पर गंभीर आरोप लगाने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल भी अपनी टीम के साथ मलैया के कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने फूल माला पहनाकर मलैया को जन्मदिन की शुभकामनाएं तो दी ही साथ ही यह संदेश भी लोगों में चला गया कि राजनीति में दुश्मनी और दोस्ती कभी स्थाई नहीं होती समय के साथ परिभाषा बदल जाती है।

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के खासम खास और भाजपा के जिला अध्यक्ष प्रीतम सिंह लोधी भी पूरे समय मंच पर मौजूद रहे । जबकि निवर्तमान विधायक राहुल सिंह के अपने गृह निवास हिंडोरिया में होने की सूचना है लेकिन वह कार्यक्रम में नजर नहीं आए? इससे इतना तो साफ हो गया है कि चुनावी प्रतिद्वंदिता अब व्यक्तिगत द्वंदिता बन गई है। ठीक इसी तरह जयंत मलैया के ही खेमे में गिनी जाने वाली नगर पालिका अध्यक्ष मालती असाटी भी कार्यक्रम में देर तक नजर नहीं आई? ठीक इसी तरह बड़ा मलहरा से विधायक प्रदुम्न सिंह भी कार्यक्रम में नहीं दिखे। जबकि चुनाव जीतने के बाद मलैया के निवास पर पहुंचकर उनका धन्यवाद ज्ञापित किया था।

कार्यक्रम में मंच संचालन कर रहे कपिल सोनी श्री मलैया को गरीबों और जनता का मसीहा, लोगों को दु:ख दर्द बांटने वाला और दमोह विधानसभा को अपना परिवार समझने वाला नेता निरूपित करते रहे। पूरे संचालन के दौरान श्री मलैया की छवि इस रूप में पेश की गई कि दमोह में वही एकमात्र ऐसे नेता हैं जो जनता का दु:ख दर्द समझ सकते हैं और उनके काम आते रहे हैं। जन्मदिन के बहाने शक्ति प्रदर्शन के इस कार्यक्रम के और भी कई मायने हो सकते हैं लेकिन इस बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि अपने 35 वर्ष के कार्यकाल में जयंत मलैया ने जितनी तरजीह विकास कार्यों को दी थी उतनी ही तरजीह लोगों के व्यक्तिगत कार्य कराने को भी दी है। ऐसे में श्री मलैया द्वारा टिकट के लिए ताल ठोक कर दावेदारी करना कि किसी तरह से अनुचित नहीं होगा। लेकिन इतना तो तय है कि टिकट प्राप्त करने के लिए श्री मलैया किसी तरह की कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। यह बात अलग है कि भाजपा हाईकमान किसे अपना प्रत्याशी चुनती है? भविष्य तय करेगा।

दमोह से शंकर दुबे की रिपोर्ट

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