महापरिनिर्वाण दिवस: डॉ. आंबेडकर को याद कर बोले मोदी- उनके विचार दे रहे ताकत
संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर का निधन आज ही के दिन 1956 में हुआ था. इस दिन को पूरे देशवासी महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाते है. ऐसे में पूरा देश उन्हें कृतज्ञता से नमन कर रहा है. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने भी उन्हें याद किया.
नई दिल्ली : संविधान निर्माता, भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को 64वें महापरिनिर्वाण दिवस पर पूरा कृतज्ञ राष्ट्र याद कर रहा है. डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर का निधन 6 दिसंबर, 1956 को हुआ. डॉ. आंबेडकर की पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में माना जाता है.
प्रधानमंत्री ने किया याद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महापरिनिर्वाण दिवस पर संविधान दिवस पर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को याद करते हुए लिखा, ‘उनके विचार और आदर्श लाखों लोगों को ताकत देते रहते हैं. हम राष्ट्र के लिए उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’
●डॉ.आंबेडकर ने सामाजिक छुआ-छूत और जातिवाद के खात्मे के लिए काफी आंदोलन किए.
●उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों, दलितों और समाज के पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए न्योछावर कर दिया.
●अंबेडकर ने खुद भी उस छुआछूत, भेदभाव और जातिवाद का सामना किया है, जिसने भारतीय समाज को खोखला बना दिया था.
डॉ. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के छोटे से गांव महू में हुआ था. उनका परिवार मराठी था और मूल रूप से महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के आंबडवे गांव से था. उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का नाम भीमाबाई था. वे अपने माता-पिता की चौदहवीं संतान थे. बाबा साहब का जन्म महार जाति में हुआ था जिसे लोग अछूत और निचली जाति मानते थे. अपनी जाति के कारण उन्हें सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ा. प्रतिभाशाली होने के बावजूद स्कूल में उनको छुआ-छूत के कारण अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था. इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी.