खंडवा: उल्टी करने के लिए बस की खिड़की से बच्ची ने बाहर निकाला सिर, ट्रक की चपेट में आई, सिर कटने से हुई मौत

खंडवा। जिले में मंगलवार सुबह एक बेहद दर्दनाक हादसा हो गया. जिसमें चलती बस में सवार एक 11 साल की लड़की ने उल्टी करने के लिए खिड़की से सिर बाहर निकाला जिसे सामने से तेज रफ्तार में आते ट्रक ने उसके सिर पर जोरदार टक्कर मार दी. जिससे बच्ची की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. हादसे के बाद बस में बैठे यात्री काफी घबरा गए. यह दर्दनाक घटना खंडवा के रोशिया फाटे के पास की बताई जा रही है.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मंगलवार सुबह करीब 09.30 बजे बस में यात्रा के दौरान खंडवा के बंगाली कॉलोनी निवासी तमन्ना पिता हैदर ने उल्टी करने के लिए खिड़की से सिर बाहर निकाला हुआ था तभी सामने से आ रहे दक तेज रफ्तार ट्रक ने उसके सिर पर जबरदस्त टक्कर मार दी जिससे उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. बच्ची का शव बस की खिड़की पर लटका रहा.

यात्रियों ने बताया कि चलती बस में बच्ची ने उल्टी करने के लिए खिड़की से सिर को बाहर निकाला हुआ था. तभी सामने से आ रही तेज रफ्तार ट्रक ने सिर को टक्कर मार दी. चौकी प्रभारी रमेश गवले ने बताया प्रभात नाम की बस में यह हादसा हुआ है और यह बस प्रतिदिन खंडवा से इंदौर के बीच चलती है.

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हर रोज की तरह आज मंगलवार को भी सुबह 8 बजे करीब वह खंडवा से निकली. 9 बजे के करीब रोशिया फाटे से पहले कश्मीरी नाले तक पहुंची ही थी कि सामने से आ रहा ट्रक नाले पर बस को क्रॉस कर रहा था. इस बीच वह बस से रगड़ाता हुआ निकला. बस में सवार खंडवा निवासी 11 साल की तमन्ना पिता हैदर ने खिड़की के बाहर सिर निकाला हुआ था जिसे ट्रक रगड़ते हुए निकला और इसी घटना में बालिका का सिर कुचल गया. पुलिस ने ट्रक को जब्त कर ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज किया हैं.

इंदौर-इच्छापुर राजमार्ग पर यातायात का दबाव अत्यधिक होने तथा मार्ग टूलेन होने से यहां आए दिन ट्रैफिक जाम और इस तरह के भयानक हादसे होते रहते हैं. इसे देखते हुए इस मार्ग को फोरलेन करने की मांग लंबे समय से हो रही है. 205 किलोमीटर के इस मार्ग के चौड़ीकरण का प्रस्ताव मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा तैयार किया गया था, लेकिन बाद में इसे नेशनल हाईवे में परिवर्तित करने का निर्णय होने से मामला अधर में अटका हुआ है. यह मार्ग ड्यूटी मुक्त होने से इस पर भारी वाहनों का दबाव अत्यधिक रहता है, ऐसे में खंडवा से इंदौर पहुंचने में 4 से 5 घंटे बसों को लग रहे है. वहीं दुर्घटनाओं में लोगों की जान भी जा रही है.

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