कुंभ में हुआ कोरोना ब्लास्ट! हरिद्वार मेले में अब तक मिले 2500 से ज्यादा कोरोना संक्रमित, निरंजनी अखाड़े ने की कुंभ समाप्ति की घोषणा

हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित हुआ कुम्भ मेला-2021 कोरोना की इस भयंकर महामारी के भयानक प्रकोप के बाद भी जारी है. प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद भी यहां कोरोना ने अपना असर जारी रखा है. इस दौरान कई साधु-संतों में कोरोना संक्रमण देखने को मिला. कोरोना की भयावहता को ध्यान में रखते हुए निरंजनी अखाड़े ने कुंभ के समापन की घोषणा भी कर दी है.

अखाड़ा ने कहा कि उनके कई साधु-संतों में कोरोना के लक्षण देखे गए हैं, जिसके बाद यह बड़ा फैसला लिया गया है.निरंजनी अखाड़े के सचिव रवींद्र पुरी ने कहा, ‘कोरोना के कारण बिगड़ते हालात के मद्देनजर कुंभ मेला हमारे लिए खत्म हुआ. मुख्य शाही स्नान संपन्न हो गया है और अखाड़ों में कई लोगों में कोरोना के लक्षण दिखे हैं.’

बता दें कि कुंभ मेले को 14 दिन बीत गए हैं और इस दौरान 2500 से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. जानकारी के अनुसार, 1 से 31 मार्च तक कोरोना संक्रमण के हरिद्वार में औसतन 10 से 20 मामले आ रहे थे, लेकिन 1 अप्रैल से इन मामलों का आंकड़ा प्रतिदिन 500 पार कर गया है. वही सैकड़ों साधु-संत भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं.


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मेला आईजी सजंय गुंज्याल ने चर्चा में बताया कि अगर बॉर्डर्स की बात की जाए तो एसओपी के अनुसार पुलिस विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता से चेकिंग अभियान चलाया. अगर बॉर्डर पर टेस्टिंग की बात की जाए तो 1 अप्रैल से लेकर 14 अप्रैल तक 1 लाख 54 हजार 466 टेस्ट किए गए थे, जिसमें से 222 लोग पॉजिटिव आए. साथ ही जो लोग टेस्टिंग नहीं करवाना चाह रहे थे और अपने साथ RT PCR कि रिपोर्ट भी नहीं लाए ऐसे 9 हजार 786 वाहन और 56 हजार 616 लोगों को वापस भेजा गया है.

बता दें कि कुंभ में कोरोना भयावह होता जा रहा है.अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी के अलावा 50 अन्य संत बीते दिनों कोरोना से संक्रमित पाए गए थे. वहीं, कोरोना से ही एक महामंडलेश्वर की मौत भी हो गई. नरेंद्र गिरी भी ऋषिकेश एम्स में भर्ती हैं. गुरुवार को जूना अखाड़े के 200 संतों के सैंपल लिए गए हैं. जल्दी ही इनकी कोरोना रिपोर्ट सामने आएगी. इससे पहले ही निरंजनी अखाड़े ने अपने शिविर के कई संतों में कोरोना के लक्षण दिखने के बाद गुरुवार को ही कुंभ समाप्ति की घोषणा कर दी.

अखाड़े ने बताया कि 17 अप्रैल को मेले का समापन कर सभी संत अपने अखाड़े में वापस चले जाएंगे. निरंजनी के अलावा आनंद अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी ने भी अपने अखाड़े की ओर से कुंभ समाप्ति की घोषणा कर दी है.अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी अखाड़ों की घोषणा का स्वागत किया है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह परिषद का निर्णय नहीं है. परिषद कुंभ में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों से नियमों का पालन करने की अपील करती है.

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