बेटमा हायर सेकेंडरी स्कूल का नाम जल्द होगा शहीद मोहनलाल सुनेर के नाम: मोहन नारायण

●शहीद समरसता मिशन पूरा करेगा अपना तीसरा वचन,स्कूल का नाम होगा शहीद के नाम

●शहीदों के परिवारों की सेवा हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य -श्री मोहन नारायण

●36000 शहीदों को मिले एक-एक करोड़ की राशि, राष्ट्र शक्ति स्थल का हो निर्माण -श्री मोहन नारायण

बेटमा। देशभर में रक्षा बंधन का त्यौहार कोरोना संकट के बीच धूमधाम से मनाया गया, बहनों ने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध कर अपनी रक्षा का वचन लिया, लेकिन इन सब के बीच इंदौर से क़रीब 35 किलोमीटर दूर बेटमा से सटे पिरपीलिया ग्राम में अनूठा रक्षा बंधन देखने को मिला यहाँ राष्ट्र की रक्षा में अपने प्राणों को न्योच्छवार करने वाले BSF के वीर शहीद मोहनलाल सुनेर की धर्मपत्नी वीरांगना राजू बाई से रक्षा सूत्र बंधवाकर उन्हें विश्वाश दिलाया की पूरा देश आपके साथ खड़ा है, आपके द्वारा राष्ट्र रक्षा में दिए मांग के सिंदूर की बदौलत आज 130 करोड़ भारतवासियों महफ़ूज है।

दरअसल, शहीद समरसता मिशन के संस्थापक श्री मोहन नारायण जी द्वारा प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी रक्षा बंधन के मौके पर शहीद की वीरांगना से रक्षा सूत्र बंधवा कर मनाया गया, नम आखों के साथ वीरांगना राजू भाई ने अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा, हिन्दू परंपरा के अनुसार भाई मोहन नारायण ने वचन दिया की जिस शासकीय स्कूल में शहीद श्री मोहन लाल सुनेर ने शिक्षा ग्रहण की उस स्कूल का नाम जल्द उन्हीं के नाम से किया जाएगा, जिसको लेकर मिशन द्वारा शासन को अवगत करवा दिया गया हैं, जल्द ही स्कूल का नाम शहीद के नाम पर होगा।

आपकों बता दें देशभर में बीते 12 वर्षो से श्री मोहन नारायण के नेतृत्व में शहीद समरसता मिशन द्वारा देशभर में शहीद परिवारों के अधिकारों एवं शहीदों के सम्मान की पुर्नस्थापना के लिए कार्य किया जा रहा है, गौरतलब है कि बीते वर्ष रक्षा बंधन के मौके पर शहीद की वीरांगना राजुबाई को मिशन द्वारा सर्वसुविधायुक्त घर उपहार स्वरूप दिया गया था, जिसका वीडियो देशभर में सोशल मिडीया पर जमकर वायरल हुआ, देश ही नहीं बल्कि अंतराष्ट्रीय अखबारों ने भी इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

उल्लेखित है कि वर्ष 2018 में मिशन की टीम शहीद ग्राम पिरपीपल्या पहुचीं जहाँ लगभग 27 वर्षो से कोई शासन-प्रशासन का नुमाइंदा नहीं पहुँचा था, उन्होंने जब देखा कि शहीद का परिवार जजर्र झोपड़ीनुमा घर मे रहने को मजबूर था, इसके बाद श्री मोहन नारायण ने तय किया कि सामाजिक सहयोग से शहीद परिवार को सर्वसुविधायुक्त मकान भेंट किया जाएगा और रिकॉर्ड समय मे बीते वर्ष 15 अगस्त 2019 के दिन रक्षा बंधन के मौके पर करीब 11 लाख की राशि से निर्मित शहीद के सपनों का आशियाना भेंट कर अपना वचन निभाया, भवन निर्माण को लेकर इंदौर के आसपास के गाँवो में वन चेक वन साइन फ़ॉर शहीद अभियान चलाया गया जो कि देश का संभवतः पहला डिजिटल अभियान था जिसमे केवल चेक और डिजिटल माध्यमों से आर्थिक सहयोग लिया गया,मिशन ने पारदर्शिता के मद्देनजर वीरांगना राजुबाई के नाम से खाता खुलवा कर उन्हीं के एकाउंट में सहयोग राशि का एकत्रीकरण किया।

इस मौके पर मीडिया चर्चा के दौरान मिशन के संस्थापक श्री मोहन नारायण ने बताया कि हमनें शहीद की वीरांगना बहन राजू बाई से रक्षा सूत्र बंधवाकर तीन वचन दिए थे जिसमें पहला था सर्वसुविधायुक्त घर का निर्माण, दूसरा शहीद की स्मृति को चीर स्थाई करने के किये गाँव के प्रवेश यानी इंदौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग 59 पर “राष्ट्र शक्ति स्थल”का निर्माण करना तथा तीसरा और अंतिम वचन जिस शासकीय स्कूल में शहिद मोहनलाल सुनेर जी ने शिक्षा ग्रहण की उस स्कूल का नामकारण उन्हीं के नाम करवाना. आपको बता दें अब तक मिशन द्वारा 2 वचनों को रिकॉर्ड समय में पूरा कर लिया है जबकि अंतिम वचन स्कूल का नामांकरण जल्द ही शहिद मोहन लाल सुनेर के नाम होगा इसको लेकर कागजी कार्यवाही पूरी हो चुकी हैं।

शहीद समरसता मिशन की वचन यात्रा

अभियान प्रारंभ30 जुलाई 2018
शहीद गृह भूमिपूजन 26 अगस्त 2018
गृह प्रवेश 15 अगस्त 2019
राष्ट्र शक्ति स्थल 26 जनवरी 2020

आपकों बता दें शहीद समरसता मिशन शहीद परिवारों की समस्याओं को लेकर देश-प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में कई मोर्चो पर कार्य कर रहा है, मिशन का उद्देश्य है कि देशभर के करीब 36000 शहीदों के परिवारों को एक-एक करोड़ की सम्मान राशि मिले, साथ ही शहीदों की स्मृति में 36000 “राष्ट्र शक्ति स्थल” का निर्माण हो ऐसी क़रीब 28 सूत्रीय मांगे केंद्र सरकार के संज्ञान में है। जिसमे से दिल्ली और मध्यप्रदेश की सरकार ने शहीद परिवार को 1 करोड़ राशि देने का प्रावधान किया है ।

कौन है मोहन नारायण

मोहन नारायण बाल्यकाल से स्वयं सेवक है जिन्होंने शहीद भगत सिंह से प्रभावित हो कर 14 वर्ष की अल्प आयु में घर छोड़ कर स्वतंत्रता सेनानीयों के बलिदान दिवस मनाने का संकल्प लिया संघ में विभिन दायित्वों का निर्वहन करते हुए शहीदों के सम्मान की पुनर्स्थापना का कार्य किया जो कि 12 वर्षो से लगातार जारी है अब तक 150 से अधिक शहीद सम्मान के सार्वजनिक कार्यक्रम किये है जिसमे देश की जानी मानी हस्तियों ने शिरकत की है, वहीं सेना के पूर्व डिप्टी चीफ़ ऑफ आर्मी स्टॉफ ले.जनरल गुरमीत सिंह भी मिशन में राष्ट्रीय संरक्षक की भूमिका में है।

कुलदीप नागेश्वर पंवार

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