मुख्यमंत्री ने कहा था ‘उज्जैन की तर्ज पर निकलेगी बाबा बैजनाथ की सवारी’, शायद आगर जिला प्रशासन ने अब तक नही देखी उज्जैन की सवारी?

बाबा बैजनाथ के कई भक्त जो हर वर्ष बाबा के नगर भ्रमण का इंतजार करते है वह सब सवारी की सूचना से बेखबर नजर आए. सवारी का मार्ग ओर समय दोनों में परिवर्तन कर जिला प्रशासन द्वारा भक्तों को बाबा के भ्रमण की जानकारी से बेखबर रखा गया.

प्रसिद्ध बाबा बैजनाथ की शाही सवारी सावन के अंतिम सोमवार को निकाली गई। कोरोना ने बाबा की सवारी में ऐसा खलल डाला कि जहां हर साल बाबा की शाही सवारी में 50 हजार से अधिक लोग आते थे, वहां आज महज कुछ लोग ही सवारी में पहुंच पाए। हालांकि जल्दबाजी में निकाली गई यह शाही सवारी महज 90 मिनट में ही समाप्त हो गई जबकि हर साल सवारी पुरे 9 से 10 घण्टे शहर में ही भ्रमण करती थी। इतना ही नही इस बार सवारी को भक्तों के दर्शन के लिए पूरे शहर में भी नही निकाला गया।

आज निकली बाबा बैजनाथ की शाही सवारी से वर्षो पुरानी परंपरा तो बरकरार रही परन्तु सूत्रों ने बताया था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगर जिला कलेक्टर को उज्जैन की तर्ज पर बाबा बैजनाथ की सवारी निकालने के निर्देश दिए थे, लेकिन सवारी मार्ग में परिवर्तन और सिर्फ बाहरी मार्ग से सवारी निकालना वह भी सुबह बिना किसी को खबर किए यह तो उज्जैन की सवारी में कभी देखने को नही मिला. आज बाबा बैजनाथ की शाही सवारी को देखने के बाद ऐसा लगा कि शायद आगर जिला प्रशासन ने उज्जैन के बाबा महांकाल की शाही सवारी कभी देखी ही नही…

जिला कलेक्टर व एसपी भी रहे नदारद.

जिला कलेक्टर अवधेश शर्मा व एसपी राकेश सगर दोनों ही सवारी में शामिल नहीं हुए. पूरी सवारी का जिम्मा एसडीएम महेंद्र कवचे व एएसपी कमल मौर्य ने संभाला.

https://youtu.be/gBkOdAyhjyQ

बाबा बैजनाथ की शाही सवारी का 9 बजे एएसपी कमल मौर्य, एसडीएम महेंद्र कवचे सहित मुख्य पुरोहित ने विधिवत रूप से बाबा बैजनाथ की पूजा की उसके बाद बाबा को पालकी में बैठाया गया। वही हर बार पालकी को भक्त कंधे पर उठाकर निकलते थे लेकिन इस बार पालकी को ट्रैक्टर-ट्राली में निकाला गया। बाबा की पालकी के आगे भक्त मंडल के सदस्य झाड़ू से सफाई करते रहे। वही परंपरानुसार इस बार भी जिला जेल के सामने जेल अधीक्षक व पुलिसकर्मियों ने बाबा बैजनाथ को सलामी भी दी। इसके बाद शाही सवारी आगे बढ़ी। शाही सवारी बैजनाथ से निकलकर छावनी नाका, गांधी उपवन, दरबार कोठी रोड होते हुवे बैजनाथ मंदिर पहुंची जहां शाही सवारी का समापन हुआ। बता दे कि हर वर्ष शाही सवारी बैजनाथ मंदिर से छावनी नाका, छावनी झंडा चौक, नाना बाजार, सराफा बाजार, बड़ा दरवाजा, अस्पताल चौराहा, तहसील चौराहा से होते हुवे पुरानी कृषि उपज मंडी परिसर में समाप्त होती थी जहां विशाल स्तर पर भोजन प्रसादी का आयोजन भी होता था लेकिन इस बार सवारी ने मुख्य शहर में प्रवेश ही नही किया।

सवारी में एसडीओपी ज्योति उमठ, कोतवाली थाना प्रभारी हितेश पाटिल सहित बड़ी संख्या में पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मुस्तेद रहे। शाही सवारी का कई जगहों पर लोगो ने स्वागत किया।
बता दे कि सावन माह के अंतिम सोमवार को बाबा बैजनाथ की शाही सवारी निकाली जाती है और यह सवारी वर्षो से निकाली जा रही है। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इस बार सवारी निकाले जाने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही। जिले के कलेक्टर ने तो सवारी निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया था ऐसे में भक्त मंडल के साथ ही राजनीतिक लोगो ने सवारी निकाले जाने के लिए लगातर आवेदन-ज्ञापन दिए लेकिन अधिकारियों के कानों में जूं तक नही रेंगी थी ऐसे में गत दिनों सीएम शिवराज सिंह चौहान की आगर में हुई आमसभा के दौरान उनकी ही पार्टी के लोगो ने शाही सवारी निकालने के लिए सीएम को ज्ञापन दिया था तब तत्काल सीएम ने कलेक्टर को सवारी निकालने के निर्देश दिए थे हालांकि सवारी निकाले जाने को लेकर कलेक्टर ने कोई आदेश जारी नही किया और बीती रात अन्य अधिकारियों के साथ निर्णय लेते हुए सोमवार सुबह 8 बजे सवारी निकालने पर बात बनी।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed