गुना के दलित दंपति पिटाई मामले में आजाद समाज पार्टी पूरे प्रदेश में राज्यपाल के नाम सौपेंगी ज्ञापन.
गुना की घटना के बाद दलितों में ख़ौफ़ काफी बढ़ता दिखाई दे रहा है, जब रक्षक ही भक्षक बन गए फिर किस पर विश्वास किया जाए।
भीम आर्मी लगातार पीड़ित परिवार के लिए न्याय की मांग कर रही है इसी कड़ी में आजाद समाज पार्टी व भीम आर्मी ने एक ज्ञापन राज्यपाल के नाम पूरे प्रदेश में हर ज़िले व तहसील स्तर पर देने का निर्णय लिया है।
आइये जानते है आखिर किन मांगो को लेकर आजाद समाज पार्टी पूरे प्रदेश में राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौपेंगी.
मध्यप्रदेश में दलितों पर अत्याचार बढ़ता ही जा रहा हैं। हाल ही में प्रदेश के जिला गुना के थाना कैंट के अंतर्गत चक निवासी दलित किसान दंपति पर पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज की गई एवं जेसीबी मशीन से उसकी कड़ी मेहनत एवं 2 लाख रुपए कर्ज लेकर उगाई गई फसल भी तबाह कर दी गई।
जिसके कारण उस गरीब बेसहारा को कीटनाशक पीने पर मजबूर होना पड़ा लेकिन पुलिस फिर भी उन्हें अमानवीय तरीके से बच्चों के सामने मरती रही। यहां तक कि उक्त गरीब किसान की पत्नी को भी बर्बरता के साथ मारा और उसके कपड़े फाड़ दिए, साथ ही छोटे-छोटे बच्चों को भी मारा। जबकि पुलिस के साथ न सम्बंधित थाने का टीआई था और न ही एसडीएम उक्त कार्यवाही में शामिल था। इसके अलावा पुलिस के पास कोर्ट का आदेश भी नहीं था फिर पुलिस किस हैसियत से कब्जा हटाने गई थी। इस पूरी शोषणकारी घटना से समस्त बहुजन समाज में रोष व्याप्त है. इसीलिए भीम आर्मी मांग करती है कि:
●जिले के एसपी कलेक्टर एवं उक्त घटना में संलिप्त सभी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जाए.
●उनके खिलाफ एट्रोसिटी के अंतर्गत कार्यवाही की जाए.
● परिवारों को 30 लाख का मुआवजा दिया जाए.
● बच्चों को उच्च शिक्षा की व्यवस्था की जाए.
●कर्नाटक राज्य की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी दलित आदिवासी लॉ बोर्ड बनाया जाए.
● गुना कांड की जांच सीबीआई से करवाई जाए.
●जिस जमीन पर विवाद हुआ वह जमीन पीड़ित व्यक्ति के नाम पर की जाए, ताकि वह अपना 2 लाख रुपए का कर्ज चुका सके।
इन सभी मांगो के साथ आजाद समाज पार्टी पूरे प्रदेश में ज्ञापन देंगी इस बात की जानकारी आजाद समाज पार्टी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर दी गई ट्वीट में लिखा था की मध्यप्रदेश में भीमआर्मी के सभी जिला प्रभारी/अध्यक्ष/कार्यकर्ता अपने जिलों में महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौपे।
“गुना में दलित दंपति के साथ हुई, हृदय विदारक अमानवीय घटना के विरोध में।”