“सफलता की कहानी”
●फीवर क्लीनिक के साथ सरल होती स्वास्थ्य सुविधाएं…
“हजारों की संख्या में लाभान्वित हो रहे मरीज“
इंदौर: फीवर क्लीनिक के माध्यम से आम जनता को एक ऐसा साधन मिला है जिसने कोरोना वायरस संक्रमण के समय स्वास्थ्य सुविधाओं का एक वैकल्पिक परंतु कारगर प्लेटफॉर्म तैयार किया है।
लॉक डाउन के चलते तथा कोरोना वायरस संक्रमण से उत्पन्न हुए भय के कारण आम जनता को विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस कारण अति-आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रभावित हुई। जिसे लेकर लोगों में ना केवल भय और आशंका थी, बल्कि कई प्राइवेट अस्पतालों ने लोगों को इलाज एवं चिकित्सकीय परामर्श देने से इंकार भी किया जिससे जनता की परेशानियां और भी बढ़ गई।
इंदौर शहर के सक्रिय जिला प्रशासन ने कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देशानुसार आम जनता की इन परेशानियों को समझते हुए फीवर क्लिनिकों की स्थापना की। इन क्लिनिकों में चिकित्सकीय परामर्श की नि:शुल्क सुविधा दी जाती है, साथ ही दवा आदि भी निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। फीवर क्लीनिक के माध्यम से अब जनता आसानी से स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ले पा रही है। अब पहले जैसी स्थिति नहीं रही जब उन्हें इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा था।
कोरोना संदिग्ध पहचानने में भी मिली मदद…..
फीवर क्लिनिको में मरीजों की स्क्रीनिंग की जाती है। इस दौरान यदि किसी व्यक्ति में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं तो इन मरीजों को एंबुलेंस के द्वारा एमटीएच अस्पताल भेजकर वहां इनका टेस्ट किया जाता है। टेस्ट के परिणाम के आधार पर आगे उपचार किया जाता है। इस संपूर्ण प्रक्रिया में फीवर क्लीनिक के माध्यम से ऐसे मरीजों को भी चिन्हित कर लिया जाता है जो क्लीनिक ना होने की दशा में सर्वे अथवा स्क्रीनिंग से छूट सकते थे। फीवर क्लीनिक का एक अतिरिक्त बेनिफिट करोना संक्रमित मरीजों एवं क्षेत्रों को पहचानना भी है।
फीवर क्लीनिक के माध्यम से साढ़े 13 हजार से भी अधिक लोगों ने स्वास्थ्य संबंधी परामर्श प्राप्त किया
इंदौर जिले में प्रातः 9:00 से दोपहर 4:00 बजे तक संचालित हो रही शहरी एवं ग्रामीण फीवर क्लिनिकों के माध्यम से गत दिवस तक कुल 13 हजार 717 व्यक्तियों ने ओपीडी के दौरान चिकित्सकीय परामर्श लिया। इनमें से 6 हजार 263 व्यक्ति शहरी तथा 7 हजार 454 व्यक्ति ग्रामीण फीवर क्लीनिक की ओपीडी में आए।
फीवर क्लीनिक स्थापित होने की दिनांक से 5 जून 2020 तक कुल 35 मरीज ऐसे आए हैं जिन्हें सर्दी, खांसी,बुखार एवं सांस लेने में तकलीफ थी। बताया गया की, सामान्य सर्दी खांसी के 357 मरीज और अन्य बीमारियों के 13 हजार 325 मामले सामने आए हैं। आज दिनांक तक 102 लोगों को अस्पताल रेफर किया गया है साथ ही 205 लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया गया है।
बाणगंगा फीवर क्लीनिक के प्रभारी डॉ विभूति पाठक ने बताया कि, कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देशानुसार शुरू किए गए फीवर क्लिनिको के माध्यम से जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं और सुलभ हो गई हैं। ओपीडी में रोजाना करीब 100 मरीज आते हैं एवं बाणगंगा फीवर क्लीनिक के माध्यम से आज दिनांक तक 9 मरीजों को एमटीएच अस्पताल रेफर किया गया है इसी प्रकार सामाजिक न्याय परिसर परदेसी पुरा में संचालित हो रही फीवर क्लीनिक की प्रभारी डॉ शिवानी वासेकर ने बताया कि क्लीनिक में मुख्यतः हाइपरटेंशन, डायबिटीज, फीवर, कफ, कोल्ड आदि के मरीज आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि यहां आने वाले मरीज कलेक्टर मनीष सिंह की इस पहल को लेकर उत्साहित एवं प्रसन्न है। आम लोगों के लिए इलाज प्रक्रिया अब और भी आसान हो गई है।
शिवाजी नगर फीवर क्लीनिक में अपने पिता के चिकित्सकीय परामर्श के लिए आए लखन शेखावत ने कलेक्टर मनीष सिंह का आभार व्यक्त किया और कोरोना जैसी विपरीत परिस्थितियों में फीवर क्लीनिक की स्थापना की पहल को भी सराहा। उन्होंने बताया की आज फीवर क्लीनिक की जानकारी लोगों को तेजी से मालूम पड़ रही है। आम आदमी को अब अपने इलाज हेतु दर-दर भटकना नहीं पड़ता है।