समय के साथ बदल गए रीति-रिवाज, इंदौर में बेटी ने अपने पिता के अंतिम संस्कार की सारी रस्मों को पूरा कर दी मुखाग्नि

इंदौर। कोरोना महामारी ने जब से पूरी दुनिया पर अपना आतंक फैलाया है, तब से समाज में कई परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं. कोरोना ने कई धर्मों की मान्यताओं को बदलने पर मजबूर कर दिया है, तो कई रीति रिवाजों को बदल कर रख दिया है जिसकी एक तस्वीर शनिवार को इंदौर में देखने को मिली है. इंदौर में कोरोना महामारी के दौर में अंतिम संस्कार करने के रीति रिवाज में परिवर्तन देखने को मिला है. शहर में एक बेटी ने पिता के अंतिम संस्कार की रस्मों को पूरा कर पिता को मुखाग्नि दी है.

इंदौर शहर में कई दिनों से बीमार हरीश चंद्र जायसवाल को उचित इलाज न मिलने के कारण उनका शनिवार को निधन हो गया. हरीश चंद्र जायसवाल की सिर्फ तीन बेटियां हैं और पिता की मृत्यु हो जाने पर बड़ी बेटी रितिका जायसवाल ने ही शहर के रामबाग मुक्तिधाम पहुंंचकर हिंदू मान्यताओं के तहत पिता का अंतिम संस्कार की सारी रस्मों को पूरा कर उन्हे मुखाग्नि दी. हालांकि इस दौरान मृतक हरीश चंद्र जायसवाल के सभी परिजन मौजूद रहे और अंतिम संस्कार कोरोना नियमों के अनुसार की सम्पन्न किया गया.

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