दीदी के लिए व्हील चेयर पर बैठना बंगाल चुनाव में साबित हुआ ट्रम्प कार्ड, 10.2 वोट शेयर से भाजपा को 43 फीसदी वोट शेयर पर ले आए कैलाश विजयवर्गीय
सत्ता किसी की भी हो चुनौतियां कम नहीं क्योंकि कोरोना विस्फोट हो गया है…
विजया पाठक,एडिटर, जगत विजन
देश के राजनेताओं की नजर अब 2 मई को बंगाल चुनाव परिणाम पर है। हालांकि एग्जिट पोल में जिस तरह के नतीजे देखने में आए उससे साफ होता है कि एक बार फिर ममता बैनर्जी बंगाल में अपनी सत्ता कायम रखने में कामयाब हो जाएंगी। लेकिन एग्जिट पोल्स के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी लंबे समय बाद बंगाल विधानसभा में विपक्ष की सीट पर बैठने में कामयाब हो जाएगी। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो एग्जिट पोल्स के साथ ममता को जीत का तमगा दे देना बहुत ज्यादा सही नहीं है। अंतिम परिणाम आने तक इंतजार करना ही बेहतर होगा।
खेर, राज्य कोई भी चुनाव में किसी पार्टी की जीत होती है तो किसी की हार। लेकिन एक बात तो साफ है कि जिस तरह से भाजपा ने इस बार भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के कंधों पर सवारी करके बंगाल में जो अपनी पैठ बनाई है वो कहीं न कहीं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को आश्वस्त करने वाली है। किस तरह से पार्टी के नेताओं ने बंगाल में ममता बैनर्जी द्वारा जनता के ऊपर किए गए अत्याचारों का प्रचार-प्रसार किया जिससे ममता के पार्टी के खुद के नेता उनसे खिन्न होकर भाजपा का दामन थाम बैठे।
एक समय ऐसा था जब भाजपा बंगाल में नाम मात्र के सीटों के साथ बैठतीं थी, लेकिन एग्जिट पोल्स के मुताबिक 292 सीटों पर बीजेपी और टीएमसी के बीच कांटे का मुकाबला है। बीजेपी गठबंधन को सबसे ज्यादा 134 से 160 सीटें मिलने की संभावना है जबकि टीएमसी 130 से 156 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं, कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन का बंगाल से पूरी तरह सफाया होता नजर आ रहा है और उसे 0-2 सीटें और अन्य 0-1 सीटें मिलने के आसार है। देखा जाए तो बंगाल का पूरा चुनाव ममता बनर्जी के इर्द-गिर्द सिमटा हुआ था। इस चुनाव में कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन ऐसी स्थिति में दिखाई नहीं दे रहा था कि टीएमसी को चुनौती दे। पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी ही ममता के सामने लड़ती हुई दिखाई दे रही थी।
बंगाल चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह आसार लगाए जा रहे थे कि अमित शाह और नरेंद्र मोदी की रणनीति यहां सफल हो जाएगी। कुछ हद यह रणनीति सफल होती भी दिखाई दी। लेकिन ममता बैनर्जी ने व्हील चेयर पर बैठकर जो ट्रम्प कार्ड खेला, वो कहीं न कहीं भारतीय जनता पार्टी के लिए नुकसान दायक रहा। क्योंकि चुनाव रैली समापन के ठीक पहले ममता की यह चाल भाजपा नेताओं को भारी पड़ गई और एग्जिट पोल्स के अनुसार ममता बैनर्जी सरकार को यथावत चलाने की प्रबल दावेदार बनती दिखाई दे रही है।
पश्चिम बंगाल के वोट शेयर को देखे तो टीएमसी को 44 फीसदी और बीजेपी को 43 फीसदी मिलता दिख रहा है. हालांकि, सीटों के मामले में टीएमसी से बीजेपी आगे है। 2016 के चुनाव में टीएमसी का वोट शेयर 44.9 फीसदी थी। वहीं, भाजपा उस समय 10.2 पर स्थिर थी। लेकिन कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी आज लगभग तीन गुना अधिक वोट शेयर के साथ लीड करने की ओर बढ़ रही है। आखिर कौन बंगाल की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठता है यह तो चंद घंटों में मालूम चल जाएगा। लेकिन जो भी बैठे उसके लिए इस समय बंगाल में सत्ता चलाना बहुत चुनौतिपूर्ण होगा। क्योंकि राजनेताओं की बड़ी लापरवाही के चलते आज बंगाल में कोरोना पूरी तरह से अपनी जगह बना चुका है।