शिवराज सरकार कर रही गोलमाल: आगर में अब तक कोरोना से 68 लोगों की हुई मौत, प्रदेश के कोरोना बुलेटिन में दर्शा रहे 32

आगर-मालवा। प्रदेश में कोरोना से मृत्यु के आंकड़े छुपाने के लिए सरकार अब अलग-अलग तरह के तरीके अपना रही है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर से 1 लाख लोगों की मौत हुई है लेकिन शिवराज सरकार इस बात को मानने को तैयार नहीं है लेकिन अब कहीं ना कहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की यह बात सच होती दिखाई दे रही है. दरअसल, स्वास्थ्य विभाग अब कोरोना से हुई मृत्यु के आंकड़ों में हेराफेरी कर रहा है ताकि शिवराज सरकार देश व WHO के सामने अपनी नाकामियां छिपा सके.

इसका ताजा उदाहरण सामने आया है जिसमें आपको साफ पता लग जाएगा कि किस तरह से शिवराज सरकार कोरोना से मरे हुए लोगों का आंकड़ा छुपाने में लगी हुई है. स्वास्थ्य विभाग ने 24 मई का प्रदेश स्तरीय कोरोना बुलेटिन जारी किया, जिसमें आगर-मालवा जिले में कोरोना से हुई मौत का आंकड़ा 32 बताया गया लेकिन असल में आगर जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी कोरोना बुलेटिन में यह आंकड़ा आज दिनांक तक 68 बना हुआ है. तो आखिर प्रदेश स्तरीय कोरोना बुलेटिन में कोरोना से जान गवाने वाले लोगों की संख्या आधी क्यों की गई?

एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव अंकुश भटनागर ने बताया कि जिले में 300 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत हुआ हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन में 68 मरीजों की मृत्यु कोरोना से होना बताया गया हैं, जबकि राज्य स्तर से जारी बुलेटिन में यह आंकड़ा 32 बताया गया हैं. सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए इस प्रकार के कृत्य कर रही है.

एनएसयूआई द्वारा कोरोना मृतकों के आंकड़ों के साथ छेड़छाड़ करने के विरुद्ध आगर कोतवाली थाने में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी, शिक्षा मंत्री व आगर जिले के कोविड प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार के खिलाफ़ शिकायती आवेदन दिया है और उचित कार्यवाही की मांग की है.

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