इंसानियत की मिसाल! आगर-मालवा में मुस्लिम युवकों ने किया तमिलनाडु के रहने वाले हिन्दू शख्स का अंतिम संस्कार

विजय बागड़ी, आगर-मालवा। जहां एक और देश में लोगों को हिन्दू-मुसलमान के नाम पर नेताओं द्वारा लड़ाया जाता है तो वहीं इन दिनों देश के कई हिस्सों से हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की तस्वीरें सामने आ रही है. ऐसी ही एक तस्वीर सामने आई है मध्यप्रदेश के आगर-मालवा जिले से, जहां जिला मुख्यालय पर जब एक हिंदू शख्स की मौत हो गई तो आस-पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम युवाओं ने उसका हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया.

आगर के अर्जुन नगर कॉलोनी निवासी राजा भाई नामक एक व्यक्ति की बुधवार को दोपहर में अचानक तबीयत बिगड़ने के कारण मौत हो गई. राजा भाई के घर में उनकी पत्नी, एक 12 वर्ष का बेटा, एक 18 वर्ष की बेटी और एक 20 वर्ष की बेटी है. राजा भाई मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले थे. उनका घर यहां से लगभग 2000 किलोमीटर दूर होने के चलते कोई भी परिजन उनके अंतिम संस्कार में नहीं आ पाया तभी जब आसपास के मुस्लिम युवाओं को इस बात की खबर लगी तो उन्होंने राजा भाई का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से करने की ठान ली.

मुस्लिम युवाओं ने समाजसेवी सुधीर भाई जैन से इस बारे में संपर्क किया और सुधीर भाई भी उनके इस मानवीय कदम को देखते हुए बिना देर किए उनके पास पहुंच गए. उसके बाद अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू हुई.

अंतिम संस्कार से पहले शव यात्रा के लिए शव वाहन का इंतजाम किया गया लेकिन जब शव वाहन का इंतजाम हो गया तो उसे चलाने के लिए कोई ड्राइवर नहीं मिला. तभी मुस्लिम युवक जहीर ने शव वाहन को अर्जुन नगर कॉलोनी से लगभग 4 किलोमीटर दूर मोतीसागर तालाब किनारे स्थित श्मशान घाट तक चलाया और वही राजा भाई की अंतिम यात्रा के सारथी बने.

जब शव यात्रा श्मशान घाट में पहुंची तो वहां मुस्लिम युवाओं ने ही सुधीर भाई जैन की मदद से अंतिम संस्कार की सारी सामग्री जुटाई. चिता सजाना, वहां लकड़ी बिछाना, कंडे लगाना यह सभी काम मुस्लिम युवाओं ने किया. जिसने भी यह देखा उसने कहा: यही मेरा भारत है, जहां ना कोई हिंदू है ना कोई मुसलमान सबसे पहले हम इंसान है.

अंतिम संस्कार की सभी रीति रिवाज पूरे हो जाने के बाद राजा भाई के पुत्र शिवा ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी. इस दौरान सभी मुस्लिम युवा भी राजा भाई के लिए प्रार्थना करते दिखाई दिए और उनकी आंखें भी नम दिखाई दी.

समाजसेवी सुधीर भाई जैन ने बताया कि उनके पास मुस्लिम समाज के युवा जहीर का फोन आया था. जहीर ने फोन पर बताया कि उनके पास में रहने वाले राजा भाई की मौत हो गई है और उनका परिवार तमिलनाडु में रहता है. ऐसे में वह लोग उनका हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करना चाहते हैं तभी सुधीर भाई जैन ने उनके मानवीय कदम को देखते हुए बिना देर किए अंतिम संस्कार की तैयारियां पूरी करवाई. उन्होंने आगे बताया कि हिंदू-मुसलमान हम सब एक हैं और यही हमारे देश भारत की पहचान है. यह मुस्लिम युवाओं का कदम आगर के लिए काफी गौरव का विषय है.

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