जयनारायण उपाध्याय(बापजी) के नाम से जाना जाएगा आगर का विधि महाविद्यालय, उच्च शिक्षा मंत्री ने किया लोकार्पण
भाजपा ने 2012 में छीनी लॉ कॉलेज की सौगात, 2020 में लौटाई
आगर-मालवा। प्रदेश में उपचुनाव करीब है ऐसे में भाजपा वोटरों को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. आगर विधानसभा पर भी उपचुनाव होना है इसीलिए भाजपा लगातार क्षेत्र में सौगातों की झड़ी लगा रही है. इसी कड़ी में आगर जिले की वर्षो पुरानी विधि महाविद्यालय की मांग भी भाजपा ने पूरी कर दी है. उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने आगर पहुँचकर विधि महाविद्यालय का लोकार्पण किया ओर 8 अक्टूबर से विधि की कक्षाएं नियमित तौर पर शुरू होने की बात कही. मंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभा को सम्बोधित करते हए कहा कि आगर के छात्रों को विधि की पढ़ाई के लिए जिले से बाहर जाना पड़ता था लेकिन अब उन्हें कही जाने की आवश्यकता नही है, अभी तो हम विधि महाविद्यालय की शुरुआत कर रहे है और शिघ्र ही अन्य विषयों की पढ़ाई भी नेहरू महाविद्यालय में आरंभ कराई जाएगी.
मंत्री यादव ने अपने सम्बोधन के दौरान ही विधि महाविद्यालय का नाम बाबा बैजनाथ के परम भक्त रहे जयनारायण उपाध्याय(बापजी) के नाम से रखने की घोषणा की.
बता दें आगर-मालवा में विधि कॉलेज की शुरुआत 1966 से हुई थी. उस समय काॅलेज प्राइवेट था. 46 साल तक नेहरू काॅलेज में इसकी पढ़ाई होती रही. वरिष्ठ अधिवक्ता स्व. गोविंद सिंह कानूनगो, स्व. नारायण दास बाहेती, बंशीधर खंडेलवाल व अन्य व्याख्याता लंबे समय तक छात्रों को पढ़ाई कराते रहे. इन तीनों अभिभाषकों के पढ़ाए छात्र आगर, सुसनेर, नलखेडा, सोयत के अलावा इंदौर, उज्जैन, भोपाल सहित प्रदेश व देश के कई शहरों में वकालात कर रहे हैं. तो कुछ जिला न्यायाधीश तक के पद पर पहुंचे. वही कई छात्र शासकीय अधिवक्ता तो कुछ एजीपी तक नियुक्त हुए.
छात्र कर रहे थे मांग
विधि संकाय में रुचि रखने वाले छात्रों को अपना गृहक्षेत्र छोड़कर विधि की पढ़ाई करने के लिये उज्जैन या इंदौर का सफर तय करना पड़ता था। जिसके चलते छात्र लगातार क्षेत्र में विधि महाविद्यालय खोलने की मांग कर रहे थे लेकिन अब 8 वर्ष बाद जिले को यह सौगात मिल पाई है।
अब आगर में विधि महाविद्यालय की फिर शुरुआत हो चुकी है तो इसका सीधा लाभ उन छात्रों को मिलेगा जो विधि संकाय में अपना करियर बनाना चाहते हैं। वर्तमान में भी क्षेत्र के ऐसे कई छात्र हैं जो आगर से बाहर आसपास के जिलों में विधि संकाय की पढ़ाई कर रहे हैं।
इसी भवन में पहले संचालित होता था विधि महाविद्यालय
जिस भवन में डॉ.मोहन यादव ने विधि महाविद्यालय का लोकार्पण किया। इसी भवन में बरसों से वर्ष 2012 तक विधि महाविद्यालय संचालित हुआ करता था लेकिन विधि महाविद्यालय बंद होने के बाद नेहरू महाविद्यालय नई बिल्डिंग में शिफ्ट हो गया ओर पुराने कॉलेज भवन का उपयोग कलेक्ट्रेट कार्यालय के रूप में वर्ष 2013 में किया जाने लगा क्योंकि अब कलेक्टर कार्यालय सहित जिले के कई कार्यालय संयुक्त कलेक्टर भवन में शिफ्ट हो गए. ऐसे में विधि महाविद्यालय की शुरुआत एक बार फिर से उसी पुराने कॉलेज भवन में की जा रही है। जहां बरसों तक विधि महाविद्यालय संचालित होता रहा है.
भाजपा सरकार ने ही आगर से विधि महाविद्यालय की सौगात छीनी थी। एन.एस.यू.आई द्वारा लगातार क्षेत्र में विधि महाविद्यालय शुरू कराने की मांग की जा रही थी और आज जो आगर को विधि महाविद्यालय भाजपा की सरकार ने दिया है यह सब एनएसयूआई की मेहनत का नतीजा हैं।
अंकुश भटनागर(राष्ट्रीय सचिव एन.एस.यू.आई)