मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में शव को नसीब नही हुआ वाहन, परिजन कंधे पर उठाकर ले गए शव

सीहोर जिले के बुदनी में मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति के शव को पोस्टमार्टम के बाद स्ट्रेचर पर रखकर परिजनों को पैदल अपने घर तक ले जाना पड़ा. पढ़ें पूरी खबर…


सीहोर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करते है लेकिन स्वास्थ्य विभाग की असल हकीकत तो उनकी ही विधानसभा क्षेत्र में सामने आई है, जहां परिवार को अपने व्यक्ति के शव को घर ले जाने के लिये एक वाहन तक नसीब नही हुआ. मानवता को शर्मसार करने का मामला सीहोर जिले के बुधनी में सामने आया है, जहां एक शव को पोस्टमार्टम के बाद स्ट्रेचर पर रखकर परिजनों को पैदल घर तक ले जाना पड़ा. मृतक की मां का आरोप है कि पोस्टमार्टम के बाद किसी अधिकारी ने उनकी मदद नहीं की.

मामला रविवार का है, जब पुलिस को जानकारी मिली थी कि बुधनी में राधाकृष्ण मंदिर के पास रहने वाले बबलू कुमरे ने अपने घर में फांसी लाकर खुदकुशी कर ली है. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पंचनामा बनाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए बुधनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया. जहां शव का पोस्टमार्टम कर उसे परिजनों को सौंप दिया गया. इस दौरान परिजनों ने शव को ले जाने के लिए एम्बुलेंस वाहन की मांग की, लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा उन्हें कोई वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया.

वाहन उपलब्ध नहीं होने पर परिजनों को मजबूरन शव को स्ट्रेचर पर रखकर पैदल घर तक ले जाना पड़ा. बता दें कि बुदनी विधानसभा प्रदेश के मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र है, लेकिन ना तो यहां शव वाहन है और ना ही किसी तरह की सुविधाएं हैं. जो एक बड़े सवाल को जन्म देती हैं कि अगर प्रदेश के मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र का हाल ऐसा है, तो बाकी क्षेत्रों का हाल कैसा होगा?

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