शिव के ‘राज’ में दबंगों की दादागिरी, राम मंदिर में जाने से बलाई समाज के व्यक्ति को दबंगो ने रोका, जान से मारने की दी धमकी

उज्जैन। मध्यप्रदेश में दलितों के साथ अत्याचार के मामले कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. एक और बलाई समाज का संगठन अखिल भारतीय बलाई महासभा अयोध्या में राम मंदिर को बनाने के लिए 11 लाख रुपये देने की बात करता है तो वही उज्जैन जिले के ग्राम चंदेसरा में उसी समाज के व्यक्ति को राम मंदिर में नहीं आने दिया जाता और अगर वह जाने की कोशिश करता हैं तो स्वर्ण समाज के लोग उन्हें जातिसूचक शब्द कहकर अपमानित करते हैं.

पीड़ित रमेश परमार बताते हैं कि उनकी दादी का घर राम मंदिर के पास है और अक्सर वहां जाते समय वे राम मंदिर जाना पसंद करते हैं लेकिन वहां पर कुछ स्वर्ण समाज के लोग बैठे रहते है. एक दिन रात को जब वह दादी के घर जा रहे थे तो जब उन्होंने मंदिर में प्रवेश करना चाहा तो वहां बैठे दो ओबीसी समुदाय और तीन जनरल समुदाय के लोगों ने उन्हें रोका और कहा कि तुम मंदिर में नहीं जा सकते और गाली-गलौच कर उन्हें जातिसूचक शब्द कहें. जिस पर रमेश ने तुरंत डायल हंड्रेड को फोन कर बुलाया लेकिन तभी वह लोग डर गए और उन्होंने समझौते की बात पुलिस के समक्ष कही

अगले दिन रमेश को समझौते के लिए अकेले में बुलाया और उन्हीं 5 लोगों के अन्य करीब 25 साथियों ने मिलकर रमेश को जमकर पीटा और जान से मारने की धमकी दी. अब रमेश ने इस बात की शिकायत उज्जैन के अजाक थाने में की है.

अजाक थाना पुलिस ने रमेश परमार की शिकायत पर पुष्पेंद्र रावल, आशीष शर्मा, अंकित शर्मा, राकेश विश्वकर्मा व मोहन पटेल पर एट्रोसिटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है.

रमेश परमार ने “द टेलीग्राम” से बातचीत में बताया कि जब वह गांव में जाते हैं और मंदिर के सामने से गुजरते हैं तो वह लोग अभी भी वही बैठे रहते हैं और मुझे देखकर गालियां देते हैं और कहते हैं कि तुमने पुलिस शिकायत तो कर दी लेकिन हमने पुलिस में पैसे भर दिए हैं, पुलिस हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पायेगी.

पीड़ित रमेश परमार ने यह भी बताया कि उन्होंने आज भीम आर्मी के पूर्व प्रदेश प्रभारी सुनील अस्तेय के निवास पर जाकर उनको इस मामले से अवगत कराया और मदद मांगी. वहीं सुनील अस्तेय ने भी उन्हें हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया और कहा कि हम आपके साथ हर मुसीबत के समय खड़े हैं.

लेकिन सोचने वाली बात है कि क्षेत्र से बलाई समाज के दो विधायक व एक केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत होने के बावजूद भी क्षेत्र में बलाई समाज के साथ हो रहे इस तरह के उत्पीड़न की घटनाएं काफी निंदनीय और चिंताजनक है.

यह सब आधुनिक भारत में हो रहा है और भाजपा सरकार के राज में हो रहा है. मध्यप्रदेश में तो दलित उत्पीड़न अब आम हो गया है. छतरपुर में भी किस तरह से एक दलित परिवार पर दबंगों ने कहर बरपाया यह सब किसी से नहीं छुपा लेकिन एक तरफ भगवान के मंदिर में जाने पर भी दबंगों को किस तरह का दर्द होता है यह भी इस खबर से सामने आ गया.

अब देखने वाली बात होगी कि उज्जैन पुलिस इस मामले में कब तक आरोपियों को गिरफ्तार कर पाएंगी.

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