भोपाल से रवाना हुई एनर्जी स्वराज यात्रा, प्रो. चेतन सोलंकी होंगे सौर ऊर्जा के ब्रांड एंबेसडर

नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करेगा मध्यप्रदेश: मुख्यमंत्री शिवराज

वर्ष 2022 तक 10 हजार मेगावॉट उत्पादन का लक्ष्य

सौर ऊर्जा के लिए प्रो. चेतन सोलंकी होंगे मध्यप्रदेश के ब्रॉण्ड एम्बेसडर

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एनर्जी स्वराज यात्रा को रवाना किया, इस यात्रा के जरिए सौर गांधी के नाम से मशहूर प्रो.चेतन सोलंकी लोगों को जागरूक करेंगे.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि बिगड़ते पर्यावरण से समाज के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गया है. सौर ऊर्जा सहित अक्षय ऊर्जा के अन्य साधनों का उपयोग हमें इस खतरे से बचा सकता है. मध्यप्रदेश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करके दिखायेगा. वर्ष 2010 में मध्यप्रदेश में नवीन और नवकरणीय ऊर्जा विभाग बनाया गया. वर्ष 2012 में 400 मेगावॉट के सौर ऊर्जा उत्पादन के बाद वर्तमान में नवकरणीय ऊर्जा से 5000 मेगावॉट उत्पादन तक हम पहुँच चुके हैं. वर्ष 2022 तक 10 हजार मेगावॉट उत्पादन का लक्ष्य है.

प्रो. चेतन सोलंकी मध्यप्रदेश का हीरा

मुख्यमंत्री ने आई.आई.टी. मुम्बई के पूर्व छात्र प्रो. चेतन सोलंकी द्वारा सौर ऊर्जा के क्षेत्र में किये गये नवाचारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश ऐसा प्रदेश है जहाँ हीरे निकलते हैं. प्रो. चेतन किसी हीरे से कम नहीं हैं. आज जब निरंतर पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है और ऊर्जा के वैकल्पिक साधनों के प्रचार-प्रसार और उपयोग की अत्यधिक आवश्यकता है, तब प्रो. चेतन ने एनर्जी स्वराज यात्रा की पहल कर अत्यन्त सराहनीय कार्य किया है. इसके लिये उन्होंने एनर्जी स्वराज फाउण्डेशन स्थापित किया है. मध्यप्रदेश शासन इसे पूरा सहयोग करेगा.

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सौर ऊर्जा को अधिक से अधिक लोकप्रिय बनाने के प्रयास किये जायेंगे. मध्यप्रदेश के युवा प्रो. चेतन सोलंकी जन-जागृति के लिये परिवार से दूर रहकर 11 वर्ष की एनर्जी स्वराज यात्रा पर निकले हैं. उनका इस राष्ट्र कल्याण के महत्वपूर्ण कार्य के लिये अभिनन्दन करते हुए उन्हें मध्यप्रदेश का ब्रॉण्ड एम्बेसडर बनाया जा रहा है. प्रो. चेतन सोलंकी के प्रयासों में हमें भागीदार बनना होगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा है कि सोलर एनर्जी प्योर, श्योर और सेक्योर है. इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं है. प्रत्येक नागरिक को प्रो. सोलंकी का हृदय से अभिनन्दन करना चाहिये.

मध्यप्रदेश में सौर ऊर्जा के उपयोग की शुरूआत नीमच में 135 मेगावाट के संयंत्र से हुई. बाद में रीवा में 750-750 मेगावॉट के संयंत्र शुरू हुए. इसे निरन्तर बढ़ाया जायेगा। अनेक जिलों में सौर ऊर्जा परियोजनाओं का क्रियान्वयन होगा. सस्ती बिजली का लाभ नागरिकों को पाप्त होगा. प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात में पानी पर सोलर पैनल बिछाने का कार्य करवाया है. मध्यप्रदेश में ओंकारेश्वर में फ्लोटिंग सोलर प्लाट पैनल स्थापित होंगे.

एनर्जी स्वराज यात्रा का उद्देश्य

प्रो. चेतन सोलंकी खरगोन जिले के रहने वाले हैं।). उन्होंने गत 20 वर्ष से सौर ऊर्जा पर नवाचार और शोध कार्य किया है. उन्हें आई.ई.ई.ई. संस्था ने 10 हजार डॉलर का एवार्ड दिया है. इसके साथ ही उन्हें प्राइम मिनिस्टर एवार्ड फॉर इनोवेशन दिया जा चुका है. सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उनके कार्य को इसलिये भी सम्मान प्राप्त है क्योंकि उन्होंने “ऊर्जा स्वराज” शब्द गढ़ा है. आज प्रारंभ ऊर्जा स्वराज यात्रा दिसम्बर 2030 तक चलेगी. इसका उद्देश्य जन-जन को सौर ऊर्जा के उपयोग और उसके महत्व से अवगत करवाना है. ऊर्जा स्वराज आन्दोलन जलवायु परिवर्तन की दिशा में लोगों को सचेत करते हुए सौर ऊर्जा को एक समाधान के रूप में अपनाने के लिये प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया है.

प्रारंभ में मुख्यमंत्री चौहान ने मिन्टो हॉल परिसर में सोलर एनर्जी हाउस का अवलोकन किया और प्रो. चेतन सोलंकी से इसकी कार्य पद्धति की जानकारी प्राप्त की. मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यक्रम के पश्चात एनर्जी स्वराज यात्रा का वाहन रवाना किया. उन्होंने प्रतीक स्वरूप इस वाहन में मिन्टो हॉल से राजभवन तिराहे तक प्रो. चेतन सोलंकी के साथ यात्रा भी की.

मुझे बेटे पर गर्व है- विक्रम सिंह सोलंकी

प्रो. चेतन सोलंकी के किसान पिता विक्रम सिंह सोलंकी ने बताया कि उन्हें बेटे पर गर्व है. चेतन आर्थिक परेशानियों के बीच चिमनी की रोशनी में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद बेल्जियम गये. पीएच.डी. भी की और राष्ट्र के कल्याण का सोच रखते हुए वर्षों लम्बी यात्रा के लिये परिवार में अपना विचार रखा. हमारे परिवार ने चेतन को इसकी अनुमति प्रदान कर दी है. परिवार से इतने साल दूर रहकर चेतन यह यात्रा देशभर में करेंगे. विक्रम सिंह ने कहा कि उनका मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति को पर्यावरण का स्वामी न बनकर उसका संरक्षक बनना चाहिये.

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