महाकौशल की उभरती युवा नेत्री जया सिंह ठाकुर

विजय बागड़ी✍️

मध्यप्रदेश की राजनीति में एक अहम हिस्सा प्रदेश के महाकौशल क्षेत्र को माना जाता है. आज़ादी के समय से ही इस भूमि से अनेको नेतृत्व उभरे है और आज भी देश की राजनीति में ऐसे कई चेहरे है जो महाकौशल क्षेत्र से आते है. चाहे बात केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल की हो या पूर्व मुख्यमंत्री और कॉंग्रेस के कद्दावर राष्ट्रीय चेहरे कमलनाथ की. छात्र राजनीति से ही यहां अनेको चेहरे अलग-अलग जिलों में सक्रिय और प्रसिद्ध हो जाते है और काफी कम समय मे ही सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय होकर समाज के नेतृत्व के लिए तैयार होते है.

महाकौशल की छात्र राजनीति हो या युवा राजनीति, दोनों की ही पहचान दबंग और निडर नेतृत्वो के लिए महाकौशल से की जाती है. इसी महाकौशल के एक प्रमुख जिले दमोह की एक युवा नेत्री अब चर्चाओं में अपना दबदबा प्रदेश में बढाते जा रही है, यह नाम है जया सिंह ठाकुर का.

दमोह के ग्रामीण अंचल से आने वाली जया काफी कम उम्र में ही युवाओ की आवाज़ बन कर उभरी है. पढ़ाई के लिए दमोह आई जया पहले दिन से ही छात्र राजनीति में सक्रिय थी. कॉंग्रेस की छात्र इकाई “एन.एस.यु.आई” से यह कॉलेज के समय में जुड़ी और पिछले कुछ वर्षों में अलग-अलग प्रमुख ज़िम्मेदारियों को निभाया, जिनमे खास तौर पर दमोह विधानसभा अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी शामिल है. यही नही जया अपने कॉलेज इकाई की छात्रसंघ अध्यक्ष भी रही है, इसी छात्र संघ चुनाव के बाद से ही यह नाम सुर्खियो में आया और आज यह नाम सागर, दमोह व छतरपुर जैसे जिलों में खासा सुर्खियों में है.

इनकी दबंग छवि , ओजस्वी वक्तव्य शैली, निडर व्यक्तित्व इनकी पहचान माना जाता है और इस रफ्तार के कारण ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जया सिंह ठाकुर को उनकी उपलब्धि और संघर्ष के लिए राजधानी बुलाकर सम्मान किया था. इतनी कम उम्र में इस शिखर को फतह करने वाली यह इस जिले की पहली नेत्री है, जिसके कारण ही जया सिंह ठाकुर के सोशल मीडिया में हज़ारो की संख्या में युवा जुड़े हुए है, अब इनका नाम अलग-अलग चुनावों में भी सुर्खियों में आने लगा है.

बहरहाल इस पर जया का कहना है कि वह संगठन के बताए रास्ते पर चलने वाली कार्यकर्ता मात्र है, जो ज़िम्मेदारी व भूमिका तय की जाएगी, वह उसका निर्वहन करेगी..

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