बर्ड फ्लू को लेकर मुख्यमंत्री ने बुलाई आपात बैठक, दक्षिण भारत से मुर्गे-मुर्गियों की आयात पर लगा प्रतिबंध

भोपाल। मध्य प्रदेश के कई जिलों में बर्ड फ्लू से हो रही पक्षियों की मौत पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक की. मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिए कि दक्षिण भारत के कुछ राज्यों से सीमित अवधि के लिए मुर्गी आदि का व्यापार प्रतिबंधित रहेगा. यह रोक एहतियात के तौर पर लगाई गई है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि जिलों में बर्ड फ्लू को लेकर गाइडलाइन का पालन सख्ती से कराया जाए और इसको लेकर लोगों को भी जागरूक किया जाए.

इंदौर रवाना होने के पहले सीएम ने बुलाई आपात बैठक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर रवाना होने से पहले सीएम हाउस पर वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई. बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान और अन्य अधिकारी शामिल हुए. बैठक में प्रदेश में बर्ड फ्लू से बचाव, रोकथाम और नियंत्रण के प्रयासों की समीक्षा की गई. बैठक में बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश में ऐसी समस्या नहीं है, एहतियातन आवश्यक कदम उठाए गए हैं. इनमें भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइस से जिलों को अवगत करवाया गया है.

दक्षिण भारत के राज्यों से मुर्गे के व्यापार पर प्रतिबंध

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा है कि दक्षिण भारत के कुछ राज्यों से सीमित अवधि के लिए मुर्गे-मुर्गियों का व्यापार प्रतिबंधित रहेगा. यह अस्थाई रोक एहतियातन के तौर पर लगाई गई है. मुख्यमंत्री ने जिलों में गाइडलाइन का पालन करवाने के निर्देश दिए. इसके साथ ही पशुपालन विभाग और सहयोगी एजेंसियों को इस मामले में सजग रहने, रैंडम चैट करने और आमजन को आवश्यक जानकारी देने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जहां से पक्षियों की मृत्यु की जानकारी मिली है. सावधानी के तौर पर पोल्ट्री फार्म पर भी नजर रखी जाए.

मध्यप्रदेश में बढ़ रहा है बर्ड फ्लू का खतरा

राजस्थान में अब तक 600 से अधिक कौओं की मौत हो चुकी है. वहीं इंदौर में डेढ़ सौ से ज्यादा कौवे मृत पाए गए हैं. इंदौर के अलावा उज्जैन, नीमच और मंदसौर में लगातार बड़ी संख्या में कौवा की मौत हो चुकी है. इसके अलावा खंडवा में कौवा के साथ बगुले भी मारे जा रहे हैं. नतीजतन मध्य प्रदेश सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है. इधर माइग्रेट होकर आने वाले पक्षियों के कारण बर्ड फ्लू का संक्रमण चिड़ियाघर के पक्षियों में ना फैल जाए, इसलिए चिड़ियाघर प्रशासन ने पक्षियों के पिंजरा और बाड़ों के आसपास एंटी वायरल दवाओं का छिड़काव शुरू कर दिया है. इसके अलावा कैल्शियम ऑक्साइड और गेमैक्सीन जैसी दवाओं से चिड़ियाघर को वायरस मुक्त करने के प्रयास हो रहे हैं. जिससे कि किसी भी तरह के संक्रमण को फैलने से पहले ही नष्ट किया जा सके. इसके अलावा चिड़ियाघर प्रशासन ने अलग-अलग दल बनाकर पक्षियों के संक्रमण को लेकर अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं. वही चिड़ियाघर के आसपास आने वाले बाहरी पक्षियों को रोकने के लिए प्रयास हो रहे हैं. वन्य पक्षियों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए उन्हें इम्यूनोल जैसी दवाइयां दी जा रही हैं.

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