आगर में बढ़ता जा रहा बर्ड फ्लू का खतरा, अब तक करीब 300 कौवों की हुई मौत

आगर-मालवा (विजय बागड़ी)……

यहां वहां गिरे पड़े कौए …. कुछ मौत के आगोश में समा गए … कुछ तड़पते हुए मौत के इंतजार में …. तस्वीरें आगर-मालवा की है ….

कोरोना की चुनौती के साथ ही अब एक और चुनौती सामने आ गई है, वह हैं बर्ड फ्लू ….. मध्यप्रदेश में लगातार कौवों की मौत और उनमें बर्ड फ्लू की पुष्टि ने सरकार और प्रशासन को सकते में ला दिया है। एहतियात बरतने के तमाम निर्देश जारी हुए है।

बीते एक हफ्ते में तीन सौ से ज्यादा कौओ की मौत यंहा हुई है …. अब अन्य पक्षी में काल के गाल में जाते नजर आ रहे है … खुले आसमान में उड़ने वाले इन परिंदों को अब जमीन में दफनाने का काम चल रहा है। इंदौर, मंदसौर और आगर-मालवा जिले से मृत कौवों के जो सैंपल लेबोरेटरी में जांच के लिए भेजे गए थे, उनमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है।

प्रदेश में सबसे अधिक कौवों की मौत आगर-मालवा जिले में हुई है। यहां अभी तक करीब 300 कौवों ने दम तोड़ दिया है। प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की गाइड लाइन का पालन करने के निर्देश जारी किए है। हालांकि कौवों के अलावा अन्य किसी पक्षी में अभी तक बर्ड फ्लू की पुष्टि नही हुई है।

मध्यप्रदेश जनसपंर्क विभाग की और से जारी की गई प्रेस रिलीज में भी कहा गया है कि चिकन के सेवन से मानव स्वास्थ्य को कोई खतरा नही है। बर्ड फ्लू से बचाव और रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार भी अलर्ट मोड़ पर आ गई है। सावधानी के तौर पर प्रदेश में दक्षिण भारत के केरल सहित अन्य सीमावर्ती राज्यो से पॉल्ट्री व्यवसाय को प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्रतिबंध के आदेश के बाद बाद अब चिकन का व्यवसाय करने वालो के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। बर्ड फ्लू की दहशत के बाद अब इसका असर चिकन की बिक्री पर पड़ा है।

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