बीएमओ कर रहा था जातिगत रूप से प्रताड़ित, प्रताड़ना से परेशान होकर डॉक्टर ने दिया इस्तीफा

राजगढ़। एक और जहां प्रदेश कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है और स्वास्थ्य महकमा लगातार आमजनता के लिए जान जोखिम में डालकर दिन रात सेवा कर रहा है. वहीं, इस कठिन समय मे भी कुछ लोग ऐसे है जो अपनी जातिवादी मानसिकता दिखाने से बाज नही आ रहे.. एक डॉक्टर ने बीएमओ पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है. मामला मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले का है, जहां सिविल मेहताब अस्पताल नरसिंहगढ़ में पदस्थ डॉक्टर विशाल सिसोदिया ने बीएमओ डॉ. गौरव त्रिपाठी पर प्रताड़ना का आरोप लगते हुए इस्तीफा दिया है. डॉक्टर का कहना है कि उन्होंने बीएमओ की प्रताड़ना से परेशान होकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस यदु को त्याग पत्र स्वीकारने के लिए आवेदन दिया है. पत्र में उन्होंने नरसिंहगढ़ के बीएमओ डॉ. गौरव त्रिपाठी पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं.

डॉ. विशाल सिसोदिया ने बताया कि मेरी पदस्थापना संचनालय स्वास्थ्य सेवाएं मध्यप्रदेश भोपाल के आदेश द्वारा सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ में मेडिकल आफिसर के पद पर जन स्वास्थ्य हेतु की गई थी परन्तु वह पर प्रभारी अधीक्षक, डॉ. गौरव त्रिपाठी सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ द्वारा व्यक्तिगत रूप एवं जातिगत रूप से राजनीति का सहारा लेकर मुझे अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं में मेरा संलग्नीकरण करवाया जा रहा है, जिससे मैं मानसिक एवं आर्थिक रूप से परेशान हो रहा हूँ तथा मेरा आत्मविश्वास कम हो रहा है.

वही उन्होंने डॉ. गौरव त्रिपाठी पर जातिगत रूप से परेशान करने का भी आरोप लगाया है. गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अटैचमेंट पर पूर्णतः प्रतिबंद लगा रखा है. उसके बावजूद एक बांड वाले डॉक्टर को संलग्नीकरण कैसे किया गया, इसमें वरिष्ठ अधिकारियों की सांठ-गांठ भी प्रतीत होती है.

डॉ. विशाल ने बताया कि मैं छोटे से गांव से आया हूँ, राजनीति का सहारा लेते हुए मुझे व्यक्तिगत और जातिगत रूप से परेशान किया जा रहा है. अगर कार्यवाही नहीं हुई तो में आगे जाऊंगा. वहीं, उन्होंने CMHO को उनका त्याग पत्र स्वीकार करने के लिए आवेदन पत्र दिया है.

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