लॉकडाउन में ढील कई पड़ ना जाए महंगी!

मध्यप्रदेश के कई जिले कोरोना मुक्त हो गए है। अब यहाँ लॉकडाउन ज्यादा प्रभावशील नहीं है। जिला कलेक्टर के आदेश के बाद जिले खुल गए है और इन जिलों में काफी चहल-पहल देखने को मिल रहीं है, लेकिन शायद लोग यह भूल गए है की लॉकडाउन में यह ढील जिला प्रशासन ने दी है कोरोना महामारी ने नहीं। बाजार खुलते ही लोग आम दिनों की तरह सड़क पर उतर आए, वह भूल गए की देश में अभी भी लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे है। हम सिर्फ आमजन को पूरा दोष नही दे सकते,क्योंकि व्यापारी वर्ग भी जमकर लापरवाही बरत रहा है।


लोग पैसों के मोह में यह भूल गए की उनकी एक गलती से कई लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है! देखने में आ रहा है कि व्यपारी वर्ग लॉकडाउन के मुख्य बिंदु सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ा रहा है। हमारे ग्रह जिले में एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं होना हर्ष का विषय है लेकिन क्या लापरवाही बरतना हमारे लिए ठीक होगा ? इस पर रहवासियों व व्यापारियों को विचार करना चाहिए।

जिले में प्रवासी मजदूरों की वापसी और बाजार को पूरी तरह से खोल देना क्या ये सब ठीक होगा? और क्या इन सब चीजों के होते हुए कोरोना पर काबू पाया जा सकेगा? सवाल बहुत है लेकिन जवाब देने वाले मानों कोरोना की वैक्सीन की तरह कोई नहीं।

जिम्मेदार भी उड़ाते है नियमों की धज्जियां

कई जिलों के कोरोना मुक्त होने के बाद पुलिसकर्मियों द्वारा भी नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। सार्वजनिक स्थलों पर पुलिसकर्मियों को बिना मास्क के बड़ी आसानी से देखा जा सकता है, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा आदेश जारी किया गया है की अगर कोई बिना मास्क के पाया जाता है तो उस पर 100 रुपए जुर्माना भरना होगा तो क्या यह नियम कानून की धज्जियां उड़ाने वाले पुलिसकर्मियों पर भी लागू होगा?
जिम्मेदारों द्वारा आँख पर पट्टी बांध कर जिलों में पहरा दिया जा रहा है, नियम यह है कि एक मोटरसाइकिल पर दो से ज्यादा व्यक्ति सवारी नही कर सकते लेकिन जिम्मेदारों की आँख के सामने से कई लोग मोटरसाइकल पर तीन लोग बैठकर गुजरते है और प्रशासन आँख बंद करके देखता है।

दुकानें खुलने की उठ रही मांग

कुछ जरूरत की दुकानें खुलने के बाद बाकी व्यापारी कलेक्टर के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर अपने प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति मांग रहे है। अगर पूरा बाजार खुल जाएगा और लोग बेझिझक गाँव से शहर घूमने आएंगे तो आपका यहीं कोरोना मुक्त जिला फिर कोरोना का गढ़ ना बन जाए!


अब अगर शासन व जिले प्रशासन द्वारा इन सभी बिंदु पर ध्यान दिया गया तभी यह सब जिले कोरोना मुक्त बने रह सकते है अथवा ग्रीन जोन वाले जिलों में कोरोना की वापसी तय है।

विजय बागड़ी✍️
(सम्पादक, दि टेलीग्राम)

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