कार्यकर्ताओं के दम पर जीतेंगे आगर विधानसभा: मनोज ऊंटवाल
आगर-मालवा। मध्यप्रदेश में आगामी दिनों में होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. ऐसे में आगर विधानसभा से कांग्रेस के विपिन वानखेड़े का मुकाबला भाजपा के मनोज ऊंटवाल से होगा.
कल रात्रि में भाजपा की टिकट फाइनल होने के बाद आज मनोज ऊंटवाल आगर पहुंचे. जहां बड़ोद रोड चौराहे पर भाजपा नगर मंडल द्वारा उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया. मनोज ऊंटवाल के पहुँचते ही कार्यकर्ताओं ने जमकर आतिशबाजी की ओर पुष्पमाला पहनाकर स्वागत कर उन्हें टिकट मिलने पर बधाई प्रेषित की.
मनोज ऊंटवाल ने मीडिया से चर्चा में कहा कि वह निश्चित ही आगर विधानसभा पर अपना परचम लहराएंगे और वह कार्यकर्ताओं के दम पर डंके की चोट से आगर विधानसभा सीट जीत कर भोपाल जाएंगे.
बता दें मनोज ऊंटवाल पूर्व विधायक स्वर्गीय मनोहर ऊंटवाल के पुत्र है और उनके पिता के निधन के बाद ही आगर विधानसभा सीट रिक्त हुई थी. जिस पर आने वाली 3 नवंबर को उपचुनाव होना है और इसी उपचुनाव में भाजपा ने पिता मनोहर ऊंटवाल की सीट पर पुत्र मनोज ऊंटवाल को मौका दिया है.
एक नजर मनोज ऊंटवाल के जीवन पर….
●बात मनोज ऊंटवाल की शैक्षणिक योग्यता की करे तो इन्होंने इंजीनियरिंग किया हुआ है.
●भाजपा जिला कार्यकारिणी में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे। बदनावर मण्डल अध्यक्ष भी रहे.
●अखिल भारतीय वाल्मीकि महापंचायत के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर कार्यरत है.
●वाल्मीकि युवा संघठन के प्रदेश महामंत्री है.
●अपने पिता स्वर्गीय मनोहर ऊंटवाल के साथ रहने का अच्छा-खासा अनुभव है.
इंदौर ओर आलोट तय करेगा आगर विधानसभा का विकास
कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों ने चुनावी मैदान में बाहरी उम्मीदवारों को उतारा है हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी विपिन वानखेड़े मूलतः इंदौर के रहवासी है लेकिन वह लंबे समय से आगर में निवास कर रहे हैं और क्षेत्र में अपने स्थानीय निवासी की छवि बना चुके हैं लेकिन जनता की नजर तो अब भी उन्हें बाहरी व्यक्ति के रूप में ही देखती है. साथ ही उप चुनाव से पहले तक आलोट में सक्रिय नेता के रूप में काम कर रहे भाजपा प्रत्याशी मनोज (बंटी) ऊंटवाल भी आगर में अपना भाग्य आजमा रहे हैं. ऐसे में आगर विधानसभा क्षेत्र की जनता का कहना है कि विकास तो आगर विधानसभा का होना है लेकिन विकास करवाने वाले इंदौर और आलोट वाले हैं. बता दें आगर क्षेत्र में लगातार स्थानीय प्रत्याशी की मांग उठाई जाती रही है लेकिन एक बार फिर दोनों पार्टियों के आला-कमान ने स्थानीय प्रत्याशी को नजरअंदाज कर आगर विधानसभा क्षेत्र के विकास की न्याय को दो बाहरी युवाओं के हाथ में सौंपा है. अब देखना होगा कि दोनों युवाओं में कौन आगर विधानसभा का सरताज बनेगा?