क्या आगामी उपचुनाव में बसपा बनेगी तीसरी ताकत?
मध्यप्रदेश की राजनीति में आने वाले दो-तीन महीने काफी महत्वपूर्ण होने वाले है। प्रदेश के माहौल में काफी गर्मागहमी देखने को मिल रही है और आगे भी उपचुनाव तक यह बरकरार रहेगी क्योंकि देश के इतिहास में शायद पहकी बार इतने बड़े पैमाने पर अर्थात 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है जिसकी तैयारियां राजनीतिक दलों ने अपने स्तर पर शुरू कर दी है। जहां एक ओर भाजपा और कांग्रेस ग्वालियर-चंबल संभाग को अपने कब्जे में करना चाह रही है वही बहुजन समाज पार्टी भी मध्यप्रदेश की जनता के समक्ष खुद को मध्यप्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी सिद्ध करने में लगी हुई है। अक्सर देखा गया है कि बसपा उपचुनावों में ज्यादा जोर-आजमाइश नही करती है लेकिन मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव में बसपा के तेवर काफी अलग दिखाई दे रहे है। पार्टी ने आगामी विधानसभा उपचुनाव को लेकर 8 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है वही भाजपा-कांग्रेस अभी सदस्यता अभियान चलाने में व्यस्थ है।
बता दे जिन 8 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है यह सभी सीटे ग्वालियर-चंबल संभाग की है ओर इस क्षेत्र में मतदाताओं का पहले भी बसपा को काफी अच्छा समर्थन मिलता रहा है।
बहुजन समाज पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष रमाकांत पिप्पल ने शुक्रवार को बताया की जौरा से पूर्व विधायक सोनाराम कुशवाह, मुरैना से रामप्रकाश राजोरिया, मेहगांव से योगेश मेघसिंह नरवरिया, पोहरी से कैलाश कुशवाहा (सभी सामान्य सीट), अंबाह से भानुप्रताप सखवार, गोहद से जसवंत पटवारी, डबरा से संतोष गौड़ और करैरा से राजेन्द्र जाटव (सभी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट) को आगामी विधानसभा उपचुनाव में बसपा ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है.

मध्यप्रदेश में आगामी दिनों में 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. हालांकि निर्वाचन आयोग की तरफ से चुनाव कार्यक्रम की अभी घोषणा नहीं की गई है. पिप्पल ने मीडिया से चर्चा में कहा कि बसपा सभी 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लड़ेगी. मध्यप्रदेश में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बसपा ने दो सीटों पर जीत हासिल की थी. राज्य में विधानसभा की कुल 230 सीटों में से 27 सीट फिलहाल रिक्त हैं. इनमें से 25 विधायक त्यागपत्र देने के बाद कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए हैं, जबकि दो सीट विधायकों के निधन के कारण रिक्त हुई हैं.
उम्मीद से ज्यादा सफलता मिलेगी। भाजपा-कांग्रेस से ज्यादा तगड़ी रणनीति बसपा ने बनाई है। जमीनी स्तर पर कार्य चल रहा है। चंबल-ग्वालियर की 16 सीटों पर पूरी तैयारी है।
रमाकांत पिप्पल, प्रदेशाध्यक्ष, बहुजन समाज पार्टी मप्र
बसपा को इन 16 सीटों से उम्मीद
अंबाह, मुरैना, मेहगांव, सुमावली, ग्वालियर शहर, ग्वालियर पूर्व, गोहद, जौरा, दिमनी, डबरा, भांडेर, पोहरी, करेरा, बामोरी, अशोकनगर और मुंगावली।
इसके अलावा इन 16 मे से 10 सीटों पर बसपा जीत हासिल कर चुकी है:-
●1993:- मेहगांव, डबरा
● 1998:-अशोकनगर, भांडेर, सुमावली
●2003:-करैरा
●2008:-जौरा, मुरैना
● 2013:-दिमनी, अंबाह
अब देखना खास होगा कि क्या बसपा की रणनीति सफल हो पाती है या फिर पार्टी को फिर से एक या दों सीटों के साथ संतुष्ट होना पड़ेगा..

 
                                         
                                         
                                         
                                 
                                 
                                 
                                