मां की ममता का अनोखा किस्सा! बेटे के शव को दुलारते हुए कह रही थी मां- उठ जा मेरे बच्चे, उठा जा.. और फिर अंतिम संस्कार से पहले चलने लगी बच्चें की सांसें
हरियाणा। बहादुरगढ़ में मां की ममता ने मौत के मुंह में जा चुके बच्चे को फिर से जिंदगी का उपहार दे दिया. हमारे देश में मां को ऊपरवाले से भी बढ़कर माना जाता है. ये लाइनें एक बार फिर सच साबित हुई है. करीब 20 दिन पहले एक महिला के छह साल के बेटे को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था.
तभी परिवार अंतिम संस्कार की तैयारी में जुट गया. मां अपने बेटे के सिर को चूमते हुए बार-बार कह रही थी- उठ जा मेरे बच्चे, उठ जा. तभी उसके शरीर में हलचल होने लगी. डॉक्टरों ने उसका दोबारा इलाज शुरू किया और मंगलवार को वह रोहतक के अस्पताल से हंसता-खेलता अपने घर लौट आया.
बच्चे की मां जाह्नवी और ताई अन्नू रोते हुए मासूम को बार-बार प्यार से हिलाकर जिंदा होने के लिए पुकार रही थीं. कुछ देर बाद पैक हुए शव में हरकत महसूस हुई. इसके बाद पिता हितेश ने बच्चे का चेहरा चादर की पैकिंग से बाहर निकाला और उसे मुंह से सांस देने लगे. पड़ोसी सुनील ने बच्चे की छाती पर दबाव देना शुरू किया, जैसा इन लोगों ने फिल्मों में देखा था. इस बीच बच्चे ने अपने पापा के होंठ पर दांत चूबा दिए.
इसके बाद 26 मई की रात को ही बच्चे को रोहतक के एक प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया. डॉक्टरों ने कहा कि उसके बचने की सिर्फ 15 फीसदी उम्मीद है. इलाज शुरू हुआ तेजी से रिकवरी हुई और अब वह पूरी तरह ठीक होकर मंगलवार को घर पहुंच गया.
अब बच्चे के पिता हितेश अपने होंठ पर बेटे का दिया जख्म दिखाकर खुशी मना रहे हैं. वहीं, दादा विजय इसे चमत्कार बता रहे हैं. मां ने कहा कि भगवान ने उनके बेटे में फिर से सांसें डाली हैं. इससे परिवार ही नहीं, पूरे गांव में खुशी का माहौल है.
बहादुरगढ़ के रहने वाले हितेश और उनकी पत्नी जाह्नवी ने बताया कि उनके बेटे को टाइफाइड हो गया था. उसे इलाज के लिए दिल्ली ले गए थे। 26 मई को डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वे शव लेकर बहादुरगढ़ लौट आए. शव रखने के लिए बर्फ और अंतिम संस्कार के लिए नमक बुलवा लिया था.
बच्चे के दादा विजय शर्मा ने बताया कि उन्होंने शव को रातभर रखने के लिए बर्फ और सुबह दफनाने के लिए नमक का इंतजाम कर लिया था. मोहल्ले वालों को सुबह श्मशान घाट पर पहुंचने को कह दिया था.