हे भगवान सारसी पंचायत में इतना बड़ा भ्रष्टाचार! तलाई आवंटित हुई कमलाबाई के खेत पर और खुदाई कर रहे रामबाबू के खेत पर..

मोहन बड़ोदिया। शाजापुर जिले की मोहन बड़ोदिया जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सारसी इन दिनों भ्रष्टाचार के चलते सुर्खियां बटोर रही हैं. अरे माफ कीजिएगा इन दिनों नहीं यह पंचायत तो हर समय ही भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियां बटोरती रहती है. यहां चाहे रोड निर्माण कार्य हो, पौधारोपण का कार्य हो या फिर मनरेगा में, यहां चाहे कोई भी कार्य हो सभी में सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक मिलकर जमकर भ्रष्टाचार करते हैं. भ्रष्टाचार की भनक सभी उच्च अधिकारियों को है लेकिन कोई भी इन भ्रष्ट कर्मचारियों पर लगाम कसने की नहीं सोचता. हर कोई चाहता है कि थोड़ी सी सेवा-पानी हो जाए और बाकी यह लोग जो कर रहे हैं करते रहे. ग्रामीण भी कई दफा इनकी शिकायत करते हैं लेकिन बाद में यह लोग उन्हें डरा धमका कर अपनी तरफ कर लेते हैं और बाहर से जांच के लिए आई टीम के सामने उनके बयान बदल कर पेश करते हैं इसलिए कई दफा शिकायत होने के बाद भी जिला पंचायत की टीम ने इन पर कोई कार्यवाही नहीं की क्योंकि उनके हाथ कोई ठोस सबूत लगा ही नहीं.

हाल ही में हमने खबर प्रकाशित की थी कि सारसी पंचायत के ग्राम मटेवा में मनरेगा के तहत स्वीकृत हुई तलाई में जेसीबी से कार्य हो रहा था लेकिन असल फर्जीवाड़ा तो जेसीबी का नहीं कुछ और ही है. दरअसल, शासन की एक महत्वपूर्ण योजना है “कैच द रैन” इस योजना के तहत ग्राम में हितग्राहियों के खेत पर तलाई का निर्माण किया जाता है ताकि ग्राउंडवाटर रिचार्ज रहे और पानी की गर्मी में कोई कमी ना हो लेकिन इस पंचायत के भ्रष्ट सचिव आत्माराम सुमन और रोजगार सहायक भगवान सिंह ने एक ऐसा जादू दिखाया कि पल भर में शासन के कागजों पर लिखें नाम व जगह ही बदल गई.

इस खेत पर बनना थी तलाई लेकिन यहां से काफी दूर दूसरे के खेत पर बना रहे है….

हैरान होने वाली कोई बात नही है, हम आपको समझाते है. यह तलाई जिस पर जेसीबी चल रही है यह आवंटित हुई है कमलाबाई पति बापूजी मालवीय के नाम पर लेकिन असल में तलाई का निर्माण रामबाबू पिता मांगू जी मालवीय के खेत पर हो रहा है. इससे तो आप साफ अंदाजा लगा सकते हैं कि इस पंचायत में किस तरह का गोलमाल चल रहा है.

हमने कई दफा सचिव आत्माराम सुमन का पक्ष जानने की कोशिश की लेकिन सचिव साहब इतने व्यस्त हैं कि वह हमारा कॉल भी अटेंड नहीं कर रहे. हमारी टीम ने उन्हें करीब चार-पांच बार कॉल किया लेकिन दो बार तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया और अन्य बार उन्होंने हमारा कॉल कट कर दिया. अब यह तो देखने वाली बात ही होगी कि इतना कुछ सबूत देने के बावजूद भी जिला पंचायत शाजापुर और जनपद पंचायत मोहन बडोदिया में बैठे लोग इन भ्रष्ट सचिव और रोजगार सहायक पर कार्यवाही करते हैं या नहीं? हम आगे भी आपको इस पंचायत से जुड़े ऐसे ही कई भ्रष्टाचार की खबरें दिखाएंगे. हमारी खबर आपको पसंद आई हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करें…..

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