यूजीसी ने जारी की गाइडलाइन्स, सितंबर में होंगी यूनिवर्सिटी की फाइनल ईयर की परीक्षा.

नई दिल्ली.


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थाओं की परीक्षाओं और नए एकेडमिक सत्र को लेकर रिवाइज्ड गाइडलाइन्स जारी कर दी है। यूजीसी की नई गाइडलाइन्स के अनुसार, विश्वविद्यालयों/शैक्षिक संस्थाओं में स्नातक और परास्नातक की फाइनल ईयर/सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर 2020 अंत तक आयोजित की जाएंगी लेकिन सभी संस्थाओं और छात्रों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन्स का पालन करना होगा।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सोमवार देर रात गृह मंत्रालय के शैक्षिक संस्थाओं में परीक्षाएं कराने की अनुमति दिए जाने के तुरंत बाद अपनी नई गाईड लाइन जारी कर दी। गृह मंत्रालय ने उच्च शिक्षा सचिव को पत्र भेजकर कहा कि विश्वविद्यालयों को यूजीसी की गाइडलाइन्स के अनुसार फाइनल ईयर/सेमेस्टर की परीक्षाएं कराना अनिवार्य है।

परीक्षाएं कराने वाली संस्थाओं को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन्स के तहत परीक्षाएं कराना चाहिए। यूजीसी के इस फैसले पर केद्रीय मानव संसाधन विकास (HRD) मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने ट्वीट कर के कहा कि यूजीसी ने विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं से संबंधित अपनी पहले की गाइडलाइन्स को रिवाइज्ड किया है। काफी सलाह मशविरा के बाद छात्रों के बड़े हितों जैसे छात्रों की सुरक्षा, प्लेसमेंट और उनके करियर को ध्यान में रखते हुए नई गाइडलाइन्स जारी की गई ।

इधर फाइनल ईयर में परीक्षा कराने को लेकर यूजीसी की सुझाव की बात करे तो।

● अंतिम सेमेस्टर/फाइनल ईयर की परीक्षाएं सितंबर 2020 के अंत तक आयोजित कराई जाएंगी।


● यह परीक्षाएं संस्थान अपनी सुविधा के अनुसार, ऑनलाइन या ऑपलाइन मोड से करा सकते हैं।


● फाइनल ईयर/सेमेस्टर के छात्रों का मूल्यांकन ऑफ लाइन/ऑनलाइन परीक्षा के आधार पर ही किया जाना चाहिए।

● कोई भी छात्र/छात्रा फाइनल ईयर परीक्षा में भाग नहीं ले पाते तो उन्हें विश्वविद्यालय या संबंधित संस्थान द्वारा आयोजित कराई जाने वाली विशेष परीक्षा में भाग लेने का मौका दिया जाए।
● यह स्पेशल परीक्षा विश्वविद्यालय जब उचित समझे तब करा सकता है। लेकिन यह व्यवस्था सिर्फ एकेडमिक ईयर 2019-20 के लिए ही मान्य होगी।


● बाकी परीक्षाएं जैसे, बीए प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष/प्रथम सेमेस्ट या द्वितीय सेमेस्टर के लिए 29 अप्रैल 2020 को यूजीसी की ओर से जारी की गई गाइडलाइन्स ही मान्य होंगी।
कुल मिलाकर इस नई रिवाइज्ड गाइड लाइन आने के बाद जो देश भर के स्टूडेंट में कंफ्यूजन कि स्थिति थी ओ साफ हो गई हैं कई स्टेट यूनिवर्सिटी से यूजीसी के फैसले का इंतज़ार कर रहे थे तो कई राज्यों में विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को रद्द किया जा चुका है। यहां तक कि उत्तर प्रदेश में भी पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने फाइनल की परीक्षाएं रद्द कर छात्रों को पिछले सेमेस्टर के अंकों और इंटरनल असेसमेंट के आधार पर मूल्यांकन करने फॉर्मूला जारी किया था।

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