आज से शुरू हुआ सावन, पहले सोमवार बन रहा है यह विशेष योग, पढ़े दि टेलीग्राम पर…
6 जुलाई यानि कि आज सावन का पहला सोमवार है. चातुर्मास में सावन के महीने का अधिक महत्व है. सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है. मान्यता है कि इस दिन शिव भगवान की पूजा करने और व्रत रखने से सभी प्रकार की इच्छाएं पूर्ण होती हैं.
सावन के महीने में पड़ने वाले सोमवार का अलग ही महत्व है. सावन के महीने का शिव भक्त लगभग पूरे साल इंतजार करते हैं, और आज 6 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है. सावन के महीने में भगवान शंकर की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है.
सोमवार से शुरू होने वाला ये सावन महीना हिन्दू महीनों का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। जिस तरह गुड फ्राइडे के पहले ईसाइयों में 40 दिन के उपवास रखे जाते है और जिस तरह इस्लाम में रमजान माह में रोजे (उपवास) रखे जाते हैं, उसी तरह हिन्दू धर्म में श्रावण मास को पवित्र और व्रत रखने वाला माह माना गया है। सिर्फ सोमवार ही नहीं पूरे श्रावण माह में निराहारी या फलाहारी रहने की हिदायत दी गई है।
मनचाहे वर के लिए कन्याएं रखती हैं उपवास.
सावन के सोमवार की महिमा शिवरात्रि के व्रत की तरह ही मानी गई है. मान्यता है कि जो कन्या सावन के सभी सोमवार का व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा अर्चना करती है उसे मनचाहा वर प्राप्त होता है.
साधना के दूसरे रूप को ही व्रत कहा जाता है। अब बात करे व्रत की तो यह भी 3 प्रकार के होते है।
1.नित्य
2.नैमित्तिक
3.काम्य
1.नित्य व्रत उसे कहते हैं जिसमें ईश्वर भक्ति या आचरणों पर बल दिया जाता है, जैसे सत्य बोलना, पवित्र रहना, इंद्रियों का निग्रह करना, क्रोध न करना, अश्लील भाषण न करना और परनिंदा न करना, प्रतिदिन ईश्वर भक्ति का संकल्प लेना आदि नित्य व्रत हैं। इनका पालन नहीं करते से मानव दोषी माना जाता है।
2.नैमिक्तिक व्रत उसे कहा जाता है जिसमें किसी प्रकार के पाप हो जाने या दुखों से छुटकारा पाने का विधान होता है। अन्य किसी प्रकार के निमित्त के उपस्थित होने पर चांद्रायण प्रभृति, तिथि विशेष में जो ऐसे व्रत किए जाते हैं वे नैमिक्तिक व्रत हैं।
3.काम्य व्रत किसी कामना की पूर्ति के लिए किए जाते हैं, जैसे पुत्र प्राप्ति के लिए, धन- समृद्धि के लिए या अन्य सुखों की प्राप्ति के लिए किए जाने वाले व्रत काम्य व्रत हैं।