पान किसानों को भगवान का सहारा.
“पान किसानों को भगवान बस तेरा एक सहारा,दूसरा न कोई“
छतरपुर से अवनीश चौबे की रिपोर्ट
महाराजपुर: कई वर्षों से पान किसानों की हालत बद से बदतर होती जा रही है और इनकी सुध लेने वाले इस समस्या को गंभीरता से नहीं लेते हैं. दो रोज पहले हुई प्राकृतिक आपदा में ऐसा तांडव मचाया कि जितने भी महाराजपुर में पान के बगीचे थे सभी एक सूखे घास के मैदान की तरह नजर आ रहे थे. चारों तरफ केवल उदासी मायूसी और निगाहें केवल यह तलाश रही थी कि मदद के लिए अधिकारी जनप्रतिनिधि सामने आए लेकिन विडंबना यह रही कि कोई भी उनके दुख दर्द को बांटने के लिए उनके पास नहीं पहुंचा आखिर पहुंचता भी क्यों चुनाव हो चुके हैं, जनप्रतिनिधि सत्ताधारी हो चुके हैं जैसे ही चुनाव आते हैं पान कृषक फिर एक मुद्दा बन जाते हैं और चुनाव जाते ही वह मुद्दा केवल हवा में आलोप होकर रह जाता है।
लोकडाउन ने कमर तोड़ दी.
इस पर पान किसानों का कहना है कि बचें कूचे जो पान थे वह लोकडाउन में पान बन्द कर दिया, जिससे पान गुमटी वाले लोगों को रोज़ी रोटी का संकट आ गया जबकि सरकार ने शराब की दुकान खोल दी गई , गरीब को पान की दुकान खुलने की अनुमति दी जाये।
सर्दियों की मौसम में भी पाला पड़ जाने से पान की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई थी जिसमें शासन द्वारा सर्वे तो कराया गया लेकिन आज दिनांक तक कोई भी राहत राशि मंजूर नहीं कराई गई मीडिया की माध्यम से हम शासन से मांग करते हैं कि इस परिस्थिति में हमारी ओर ध्यान देकर मदद की जाए।
इनका कहना है:
हमने मुख्यमंत्री एवं छतरपुर कलेक्टर को प्रेषित पत्र में कहा है कि महाराजपुर क्षेत्र में आंधी बारिश एवं ओलावृष्टि से जहां आम किसान प्रभावित हुए हैं तो वही पान किसानों को सर्वाधिक नुकसान उठाना पड़ा है। महाराजपुर अंचल में सबसे अधिक पान की खेती की जाती है। यहां के पान किसानों ने लाखों की लागत से पान बरेजे तैयार किए लेकिन आंधी पानी और ओलावृष्टि ने बरेजों को तबाह कर दिया है। पान किसानों की खेती में हुए नुकसान का सर्वे कराकर उन्हें जल्द से जल्द राहत राशि स्वीकृत की जाए”
नीरज दीक्षित
(विधायक,महाराजपुर)