आज होगा शहीद मनीष विश्वकर्मा का अंतिम संस्कार, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान होंगे शामिल

उरी सेक्टर में अपनी सेवा देते समय भारत माता के वीर सपूत मनीष विश्कर्मा लैंडमाइन विस्फोट में घायल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें आर्मी के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान जवान ने दम तोड़ दिया. शहीद का पार्थिव शरीर देर शाम तक भोपाल पहुंच गया था, जहां से अब उनके पैतृक गांव ले जाया जा रहा है. आज बुधवार को अंतिम संस्कार में सेना के ब्रिगेडियर सहित मुख्यमंत्री और अन्य नेता श्रद्धांजलि देने शहीद के गांव खुजनेर पहुंचेंगे.

भोपाल/राजगढ़। जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेने वाले शहीद मनीष विश्वकर्मा का पार्थिव शरीर देर शाम राजधानी पहुंच गया. शहीद का पार्थिव शरीर प्लेन से देर शाम राजा भोज एयरपोर्ट पर लाया गया था. तिरंगे में लिपटे एमपी के लाल को आर्मी के जवानों ने भोपाल में सेना को सुपुर्द कर दिया है, जहां आर्मी के अधिकारियों और जवानों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है. आज बुधवार को सुबह पांच बजे शहीद का पार्थिव शरीर भोपाल से उनके पैतृक गांव खुजनेर जिला राजगढ़ के लिए रवाना किया गया है.

मनीष जम्मू के उरी सेक्टर में पदस्थ थे, 22 अगस्त शुक्रवार को रात में पेट्रोलिंग के दौरान लैंडमाइन ब्लास्ट में घायल हो जाने के बाद उन्हें श्रीनगर आर्मी हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था. दो दिन तक जवान का इलाज चलता रहा और रविवार को मनीष ने इस दुनिया से अलविदा कह दिया. जवान का अंतिम संस्कार आज बुधवार को उनके पैतृक गांव में किया जाएगा. बुधवार सुबह 5 बजे आर्मी की टीम तिरंगे के साथ उन्हें लेकर कुरावर पचोर के रास्ते होते हुए खुजनेर पहुंचेगी.

बता दें कि श्रद्धांजलि सभा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित सांसद रोडमल नागर, पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह, सहित अन्य नेता भी उपस्तिथ रहेंगे. तमाम तैयारियों को लेकर कलेक्टर नीरज कुमार और एसपी प्रदीप शर्मा भी लगातार सक्रिय हैं. सेना के जवान को श्रद्धांजलि देने के लिए सेना के ब्रिगेडियर भी खुजनेर पहुंचेंगे. शहीद के पिता सिद्धनाथ ने देश की रक्षा के लिए अपने दो बेटों को सेना में भेजा था. शहीद मनीष के बड़े भाई थल सेना में श्रीगंगानगर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

शहीद मनीष विश्वकर्मा 2017 में और उनके बड़े भाई हरीश विश्वकर्मा 2016 में सेना के लिए चयनित हुए थे. शहीद मनीष की शादी 10 माह पहले ही हुई थी. आज बुधवार को पूरे सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव में उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी. इस दौरान हजारों लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए खुजनेर पहुंचेंगे.

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