आगर जिले में प्रशासन की बड़ी लापरवाही आई सामने, कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के 12 घण्टे बाद बनाया कंटेंटमेंट एरिया

कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के लगभग 12 घण्टे बाद जागा प्रशासन, कंटेंटमेंट एरिया बनाने के लिए नगरपालिकाकर्मी ओर पुलिसकर्मियों के इंतजार करते दिखे तहसीलदार.. पढ़ें पूरी खबर..

आगर-मालवा: एक ओर कोरोना संक्रमण जिले में थमने का नाम नही ले रहा है. हर रोज जिले में नए कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे है लेकिन कल रात कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है.

बीती रात हाटपुरा सती रोड से एक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद भी घंटो तक वहां कंटेंमेंट क्षेत्र प्रशासन द्वारा नही बनाया गया. इतना ही नही जिस भवन में संक्रमित मरीज रहता है वहां के लोगों को इस बात से कोई फर्क ही नही पड़ा की उनके निवास से एक कोरोना संक्रमण से संक्रमित मरीज मिला है और वह उसी भवन में बनी किराना दुकान को खोलकर व्यापार करने में व्यस्त दिखाई दिये.

जब किराना दुकान पर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के बैठे होने की खबर और संक्रमित मरीज के परिजनों बाजार में आवाजाही करने की जानकारी जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो आनन-फानन में तहसीलदार दिनेश सोनी और पटवारी त्रिलोक पाटीदार कंटेंमेंट क्षेत्र बनाने पंहुंचे. लेकिन इनके यहा आने का भी कोई मतलब नही निकला. यहां दोनो अधिकारी करीब 2 घंटे तक नगरपालिका के वरिष्ठ अधिकारी और पुलिस विभाग से फ़ोन पर मदद की गुहार लगाते रहे लेकिन इनकी मदद के लिए लगभग 2 घण्टे तक कोई नही आया ओर यह लगातार नगरपालिका कर्मचारी और पुलिसकर्मियों के आने का इंतजार करते रहे, इस बात से यह तो साबित हो ही जाता है कि कोरोना को लेकर पुलिस, प्रशासन और नगरपालिका कितने मुस्तेद है.

शुरुआती दिनों में जब शहर में कोरोना संक्रमित मरीज मिले थे तब पुलिस प्रशासन द्वारा काफी सतर्कता के साथ काम किया गया था. वही एसडीओपी ज्योति उमठ ने जब आगर एसडीओपी का पदभार ग्रहण किया था तब उनके द्वारा कोरोना नियंत्रण को लेकर काफी उत्कृष्ट कार्य किया गया था. लेकिन अब नए कंटेंटमेंट एरिया बनाते समय और प्रत्येक रविवार को लॉकडाउन का पालन कराने में इन अधिकारियों की रुचि अब धीरे-धीरे कम होती दिखाई दे रही है..

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