पबजी खेलते-खेलते हुआ प्यार, पार्टनर का जन्मदिन मनाने इंदौर से पंजाब पहुंच गई नाबालिग युवती
मध्यप्रदेश के इंदौर से 31 अगस्त को लापता हुई नाबालिग लड़की को पुलिस ने पंजाब के अमृतसर से बरामद कर लिया है। लड़की को पबजी खेलने के दौरान एक युवक से प्यार हो गया था ओर उसका बर्थडे मनाने के लिए वह घर छोड़ कर चली गई थी।
हाइलाइट्स:
●इंदौर से लापता युवती को पुलिस ने अमृतसर से किया बरामद
●प्रेमी से मिलने के लिए फ्लाइट से गई थी मुंबई, फिर वहां से पहुंची अमृतसर
●पबजी खेलने के दौरान अमृतसर के युवक राहुल से हुआ था प्यार
●पुलिस दोनों को बरामद कर लाई इंदौर, युवक को भेजा जेल
इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में एक नाबालिग युवती पिछले दिनों लापता हो गई थी। युवती के परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस में की थी. साथ ही अपहरण का मामला भी दर्ज कराया था। पुलिस ने जब इसकी जांच शुरू की, तो युवती की लोकेशन पंजाब में मिली। उसके बाद नाबालिग युवती को पबजी गेम पार्टनर राहुल के घर से बरामद किया गया है।
दरअसल, इंदौर के मल्हारगंज थाना इलाके में रहने वाले परिवार ने 31 अगस्त को पुलिस में शिकायत दर्ज की थी कि उनकी बेटी घर से गायब है। पुलिस ने अपहरण का प्रकरण दर्ज कर तलाश शुरू कर दी थी। इस दौरान नाबालिग की ही मां ने पुलिस को बताया कि वह अकसर पबजी गेम खेलती थी, उसने कुछ समय पहले यह भी बताया था कि उसके किसी दोस्त का जन्मदिन है और वह पंजाब जाना चाहती है।
युवती की बात सुन कर परिजनों ने उसे पंजाब जाने से मना कर दिया था। ऐसे में परिजनों ने पुलिस के सामने यह आशंका व्यक्त की थी कि लड़की पंजाब गई होगी। उसके बाद पुलिस ने जब जांच शुरू की थी। लोकेशन ट्रेस करने पर पता चला कि वह अमृतसर में है। पुलिस ने वहां जाकर छापेमारी की, तो लड़की अपने प्रेमी राहुल के घर पर मिली।
वहीं, इंदौर पुलिस प्रेमी राहुल और नाबालिग युवती को लेकर इंदौर पहुंची। पुलिस ने छात्रा के बयान लिए, तो उसने अपने साथ किसी प्रकार की अनहोनी से इंकार कर दिया है। साथ ही कहा कि वह दोनों एक साथ पिछले डेढ़ साल से पबजी खेल रहे हैं। खेल के दौरान ही दोनों का मेल हुआ और फिर दोस्ती गहरी हो गई थी। 9 सिंतबर को राहुल उर्फ अजय का जन्मदिन था।
नाबालिग युवती राहुल से मिलने के लिए पहले इंदौर से मुंबई गई। फिर वहां दोनों मिले और फिर वहा से दोनों अमृतसर चले गए थे। बरामदगी के बाद पुलिस ने छात्रा को परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। वहीं, अजय को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया था। हालांकि न्यायालय में फिर से हुई सुनवाई में उसे जमानत भी मिल गई।
मल्हारगंज थाना की जांच अधिकारी मीणा चौहान ने कहा कि परिजनों को बच्चो के खेल के दौरान और मोबाइल के उपयोग के दौरान यह नजर बनाए रखना चाहिए कि वह किसका और कितना उपयोग कर रहे हैं। बच्चे खेल के दौरान कहीं किसी गलत रास्ते पर तो नहीं जा रहे हैं।