क्या NEET ओर JEE की परीक्षा कराने का यह समय उचित है?
कोरोना संकट के चलते देशभर में नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट(NEET) और ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) की परीक्षा आयोजित न कराने को लेकर प्रदर्शनों का दौर जारी है. छात्र, पैरेंट्स और कुछ शिक्षाविद् परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं. वहीं केंद्र सरकार के साथ कई शिक्षाविद् चाहते हैं कि नीट और जेईई की परीक्षा निर्धारित तिथि पर आयोजित की जाए. इसको लेकर देशभर में महौल गरमाया हुआ है. इसी बीच विपक्ष का छात्रों को पूरा समर्थन मिल रहा है.
नीट ओर जेईई की परीक्षा आयोजन के विरोध में भोपाल एनएसयूआई ने भी विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया है. गुरूवार को एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने भोपाल में प्रदर्शन कर एक दिवसीय उपवास का ऐलान किया और परीक्षा रद्द करने की मांग की. एनएसयूआई नेताओं का कहना है कि जब इस साल संक्रमण के चलते कई परीक्षाएं नहीं हो पाई हैं तो इन परीक्षाओं को आयोजित करना इतना जरूरी क्यों. अगर परीक्षा देने आते वक्त छात्र संकर्मित होते हैं तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा.
परीक्षा आयोजन को लेकर कई युवा नेता, छात्र ओर शिक्षकों ने दि टेलीग्राम के साथ अपने विचार साझा किए-
नीट ओर जेईई की परीक्षा में लगभग 15 लाख छात्र सम्मिलित होते है ओर हर छात्र अपना अच्छा-बुरा समझने में सक्षम है। एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन जी के साथ सभी छात्र नीट ओर जेईई की परीक्षा स्थगित करने की मांग कर रहे है वही कांग्रेस पार्टी के कई मुख्यमंत्री सहित कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ मिलकर परीक्षा स्थगित करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पिटिशन दायर की है। सरकार अपने सांसदीय सत्र व विधानसभा सत्र को स्थगित कर सकती है तो फिर छात्रों की जेईई ओर नीट की परीक्षा क्यों नही?
अंकुश भटनागर (राष्ट्रीय सचिव, एन.एस.यू.आई)
देश के सर्वोच्च न्यायलय ने जो निर्णय दिया है, वह स्वागत योग्य है व लाखों छात्रों के हित में है, क्योंकि NEET व JEE एक बहुत ही अहम परीक्षाएं है जो देश का सम्पूर्ण भविष्य निर्धारित करती है, ओर अभाविप का भी यही पक्ष है कि इन परीक्षाओं का आयोजन नियमितता से हो और छात्रों के लिए सुरक्षा भी प्रदेश सरकार उपलब्ध करवाए। अभाविप उन सभी लाखो छात्रों की सुरक्षा व सहायता लिए संकल्पबद्ध है जो वर्षो मेहनत कर इस परीक्षा के इंतजार में थे, ओर अब यह शुभ घडी उन्हें मिली है।
नितिन मोहन डेहरिया लेखक – युवार्थ , छात्र नेता – ABVP मध्य प्रदेश
पत्रकार शोधार्थी
नीट ओर जेईई की परीक्षा पहले के समय के हिसाब से देर से आयोजित कराई जा रही है लेकिन अगर अब इन परीक्षाओं को स्थागित किया जाता है तो लाखों छात्रों का भविष्य खराब होने की संभावनाएं है। हर वर्ष यह परीक्षाएं मई माह में आयोजित कराई जाती है लेकिन सरकार ने अब परीक्षा की तारीख सितंबर माह मे तय की है वही परीक्षा केंद्र पर कोविड की गाइडलाइन का पूरा पालन कराया जाएगा ओर छात्रों के लिए उचित परिवहन व्यवस्था सरकार द्वारा की जाए ताकि कोई छात्र परीक्षा से वंचित ना रह पाए। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए परीक्षा आयोजित कराना कोई गलत नही है क्योंकि अगर अब परीक्षा नही होती है तो फिर लाखो छात्रों का एक वर्ष खराब होने की संभावना है।।
वैभव गुप्ता (कोचिंग संचालक)
केंद्र सरकार का छात्रों को लेकर रवैया शुरू से ही ठीक नहीं, जब अमित शाह ओर शिवराज सिंह जैसे लोग कोरोना से नहीं बच पाए तो ये छात्रों की परीक्षा कैसे ले सकते है। सरकार बच्चो को टेस्टिंग किट समझ रही है, छात्रों के साथ उनके परिवार की जान भी खतरे में डाल रही है, निश्चित ही जेईई और नीट की परीक्षा को आगे बढ़ाना चाहिए। वही परीक्षा स्थागित करने के लिए अपनी मांग को लेकर एन.एस.यू.आई देशव्यापी आंदोलन कर ही रही है।
अनमोल वर्मा (छात्र नेता, एन.एस.यू.आई)
शिक्षा के क्षेत्र के जानकार व अपनी योग्यता के दम पर बच्चों को नीट व जेईई की तैयारी करवाने वाले शिक्षक आयुष सोनी ने सितंबर माह में होने वाली जेईई मेन्स व नीट को लेकर दि टेलीग्राम से कुछ जरूरी जानकारी साझा की:
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी(NTA) ने छात्रों व पालकों से नीट व जेईई की एंट्रेस परीक्षा के दौरान एक सुरक्षित वातावरण बनाए रखने की अपील करते हुए दोनों परीक्षाओं को आयोजित करने का फैसला किया है।
यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल के अनुसार छात्रों व पालकों के द्वारा लगातार दबाव बनाए जाने की वजह से वह साथ ही विद्यार्थियों की बढ़ती परेशानियों के चलते फैसला लिया गया है। परीक्षाएं सफलतापूर्वक पूर्ण हो इसलिए निम्न बिंदुओं को आधार बनाया गया है:
●99% विद्यार्थियों को अपनी पसंद अनुसार परीक्षा केन्द्र का शहर दिया जाएगा.
●सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए प्रत्येक हाल में अब 24 की जगह 12 विद्यार्थी बैठेंगे। साथ ही हाल के बाहर भी सोशल डिस्टेंसिंग के पालन हेतु व्यवस्था की गई है.
●जेईई के परीक्षा केंद्रों की संख्या 570 से बढ़कर 660 कर दी गई है तथा नीट के लिए 2546 से बढ़ाकर 3843 कर दी गई है।
● जेईई मेंस अब 8 की जगह 12 शिफ्टों में होगी तथा प्रत्येक शिफ्ट में विद्यार्थियों की संख्या 1.32 लाख से घटाकर 85000 कर दी गई है.
●इसी के साथ NTA ने राज्य सरकार से विद्यार्थियों को स्थानीय स्तर पर परीक्षा केंद्रों पर समय पर पहुचनें हेतु सहायता प्रदान करने की दरकार की है.
●जेईई मेन्स की परीक्षा 1 से 6 सितंबर व नीट की परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित कराई जाएगी.
●जेईई मेन्स हेतु 8.58 लाख व नीट हेतु 15.97 लाख विद्यार्थियों ने आवेदन दिया है.
●आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर वी.रामगोपाल राव के अनुसार कोविड से विचलित ना होकर परीक्षाओं का आयोजन जल्द पूर्ण हो अन्यथा यह शैक्षणिक कैलेंडर व योग्य विद्यार्थियों के भविष्य पर गहरा प्रभाव डालेगा.
●यदि सभी परीक्षाओं को आगे स्थगित किया गया तो यह जीरो वर्ष लाखों छात्रों के जीवन को अंधकार की ओर ले जाएगा.
अतः विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह परीक्षाएं होना अब अतिआवश्यक है, तथा सभी विद्यार्थियों व अभिभावक सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए परीक्षा को सुचारू रुप से होने में अपना योगदान दें।
आयुष सोनी (डायरेक्टर, माईरी इंस्टिट्यूट)
लगातार समय वृद्धि के साथ भारत मे कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है, इसलिए अब तय तिथि पर नीट ओर जेईई की परीक्षा सम्पन्न करा देनी चाहिए ताकि मुझ जैसे लाखों छात्रों का भविष्य खराब ना हो।
प्रियांशु सोलंकी (छात्र)
हमारा देश चिकित्सा के क्षेत्र में वैसे ही काफी पिछड़ा हुआ है, अगर इस वर्ष को जीरो ईयर घोषित किया जाता है और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन नही होता है तो देश में 1 वर्ष में बनने वाले नए डॉक्टरों की कमी कैसे पूर्ण होगी, इसलिए सरकार के फैसले का सम्मान करते हुवे इन प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन तय समय पर हो और छात्रों द्वारा सावधानी पूर्वक परीक्षा में भाग लिया जाए।
मनीष मारू ( वरिष्ठ पत्रकार)
नीट ओर जेईई के परीक्षा केंद्र उन शहरों में बनाए गए है, जहाँ अधिक संख्या में कोरोना के मामले सामने आए है और फिलहाल में यातायात के कोई साधन नही चल रहे है जिससे हम परीक्षा केंद्र तक जा सके वही अन्य ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले छात्र भी परीक्षा में सम्मिलित होने से वंचित रह जाएंगे। मुझे भी नीट की परीक्षा देनी है लेकिन अभी परीक्षा आयोजित कराने का अनुकूल समय नही है इसलिए अभी इन दोनों परीक्षाओं को सरकार को स्थगित कर देना चाहिए।
आकाश सिंह पंवार
(छात्र)