कक्षा बारहवीं की परीक्षा के लिए पुनर्विचार करे सरकार: वर्मा

बाहरवी परीक्षा पर राज्य सरकार के निर्णय पर छात्र छात्राओं का विरोध तेज, छात्र संगठन भी उतरे मैदान में.

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने प्रदेश मे हो रही 8 जून से 16 जून तक कक्षा 12 वी की परीक्षाओ पर पुनर्विचार करने की मांग की है।

जिसमें एन.एस.यू.आई प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े(vipin wankhede) ने कहा की वर्तमान में कोरोना के कारण प्रदेश के कई जिलो में लॉकडाउन जारी है साथ ही संपूर्ण प्रदेश में अभी कोरोना बढ़ने की आशंका है ऐसी स्तिथी में कई जिलो में छात्र-छात्राए परीक्षा देने हेतु आवागमन के संसाधन नहीं जुटा पायेगे।

वही एन.एस.यू.आई आगर विधानसभा अध्यक्ष अनमोल वर्मा(Anmol Verma) ने कहा की इधर देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक लाख पार हो चुकी है, निश्चित ही जून तक स्थिति और विकट हो सकती है, ऐसे में कोई जोखिम लेने की क्या आवश्यकता है उक्त बीमारी के चलते यदि किसी छात्र-छात्रा के परिजनों को या स्वयं छात्र-छात्रा को कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो भी छात्र-छात्रा परीक्षा देने में सक्षम नहीं रहेंगे जिसपर एन.एस.यू.आई ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिख परीक्षाओ पर पुनर्विचार करने की मांग की है।

12 वी के अंक तय करते है कॉलेज में प्रवेश की स्थिति

आपको बता दे की बाहरवी के कक्षा के अंक तय करते है के कॉलेज में प्रवेश होगा या नहीं, इस पर वर्मा ने कहा जिस प्रकार सरकार ने कक्षा दसवीं के छात्रों के जनरल प्रमोशन देने का निर्णय लिया है यदि सरकार बारहवीं कक्षा के लिए भी इसी प्रकार का निर्णय ले तो बहुत अच्छा होगा क्योंकि जान है तो जहान है, जब जीवन ही नहीं रहेगा तो भविष्य कैसे बनेगा अतः कक्षा 12वीं में शेष बची परीक्षा में पूर्व परीक्षा जो हो चुके हैं उनके आधार पर औसत निकाल कर अथवा जिस विषय में सर्वाधिक अंक आए हो उसे औसत मान कर शेष परीक्षा में अंक देकर बच्चों को प्रमोशन कर दिया जाए।कॉलेज में प्रवेश के लिए सरकार अलग से ऑनलाइन टेस्ट भी करवा सकती है जिसकी मार्किंग कें आधार पर छात्रों को कॉलेज में एडमिशन दिया जा सकता सके।

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