JEE पेपर लीक के खिलाफ NSUI का जिला शिक्षा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन, सुप्रीम कोर्ट जज की देखरेख में जांच की मांग

आगर-मालवा। प्रतिष्ठित संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई मेन) के पेपर लीक के खिलाफ सोमवार को कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने जिला शिक्षा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और पेपर लीक मामले की सुप्रीम कोर्ट के जजों से जांच कराने के लिए राज्यपाल के नाम ज्ञापन जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपा। छात्र कार्यकर्ताओं ने पेपर लीक मामले की सुप्रीम कोर्ट के जज की देखरेख में जल्द से जल्द जांच कराने की मांग की। यहां कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मोदी सरकार को छात्र विरोधी सरकार बताया।

एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव अंकुश भटनागर ने अपने बयान में कहा कि सीबीआई द्वारा दर्ज हुई शिकायत में जिनके नाम हैं उनके खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए। जेईई मेन जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में ऐसी घटना होना आज हर उस छात्र के लिए चिंता का विषय बन गया है, जो प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी जो देश में कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं करवाने की जि़म्मेदार है आज वह शक के घेरे में है। केंद्र सरकार की नाक के नीचे ऐसी घटना का होना मोदी कैबिनेट की एक और नाकामी का सबूत है।

एनएसयूआई ने दावा किया कि इस पेपर लीक के लिए केंद्र सरकार ही जिम्मेदार है क्योंकि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी हाल ही में नवंबर 2017 में मोदी सरकार द्वारा स्थापित की गई थी। एनएसयूआई के मुताबिक, यदि इस मामले को जल्द नहीं सुलझाया गया और आरोपियों को सजा नहीं दी गई तो यह छात्र वर्ग में असंतोष की भावना पैदा करेगा। वहीं पेपर लीक की इस घटना के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेन्सी द्वारा करवाई गई बाकी परीक्षाएं भी शक के घेरे में हैं।

प्रदर्शन में यह थे मौजूद

प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई के नगर अध्यक्ष इमरान अली, विधानसभा अध्यक्ष विष्णु गुर्जर, कॉलेज अध्यक्ष राहुल मेघवाल, नगर समन्वयक आलोक बागड़ी, राकेश वर्मा , विशाल चौहान, विजय गुर्जर, सुजल माली, अरविंद गुर्जर, सुमित बाथम, गजेंद्र गोस्वामी, रामबाबू मालवीय, अजय सहित अन्य कार्यकार्य उपस्थित थे।

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