कलेक्टर की तानाशाही: जिला चिकित्सालय की खबर खंडवा भास्कर ने लगाई तो कलेक्टर ने संपादक को नोटिस जारी कर केस दर्ज करने की दी धमकी
जिला प्रशासन ने खंडवा भास्कर के संपादक आशीष चौहान को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केस दर्ज किए जाने की धमकी भी दी है.
खंडवा। भारत में मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है लेकिन आजकल यह चौथा स्तंभ अगर सरकार के खिलाफ बात करता है तो यहां तो उन्हें नोटिस थमा दिया जाता है या फिर केस दर्ज करने की धमकी दी जाती है. कुछ ऐसा ही किस्सा मध्य प्रदेश के खंडवा जिले से सामने आया जहां दैनिक भास्कर के खंडवा संस्करण में जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी को लेकर संवाददाता द्वारा एक खबर प्रकाशित की गई थी, जिसमें बताया गया था कि जिला चिकित्सालय में ऑक्सीजन की भारी कमी है लेकिन जिला कलेक्टर द्वारा इस खबर को गलत बताते हुए दैनिक भास्कर खंडवा संस्करण के स्थानीय संपादक आशीष चौहान को एक नोटिस जारी किया गया है.
देश व प्रदेश का सबसे बड़ा अखबार दैनिक भास्कर लगातार कोरोना से हो रही मौतों को अपने अखबार में फ्रंट पेज पर जगह दे रहा है. हाल ही में भास्कर ने भोपाल में श्मशान घाट की फोटो छाप कर बताया था कि सरकार के मौत के आंकड़ों से ज्यादा श्मशान में लाशें जल रही है.
भास्कर ने खंडवा संस्करण के पहले पेज पर जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी को लेकर खबर प्रकाशित की थी. सोमवार को प्रकाशित हुई इस खबर को हेडलाइन दिया गया है, “400 बेड के जिला अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म”. साथ ही लिखा गया है कि 111 मरीजों को कृत्रिम ऑक्सीजन जिला अस्पताल दे रहा है.
भास्कर संवाददाता के नाम से लिखी गई इस खबर में जिला अस्पताल के स्टाफ के हवाले से खबर को बताया गया है कि अस्पताल के वार्डों में जंबो सिलेंडर से ऑक्सीजन सप्लाई के लिए लगे सेंट्रल सिस्टम बंद पड़े है. यहां भर्ती वीवीआईपी मरीजों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के साथ छोटे सिलेंडर से सांस का सपोर्ट दिया जा रहा है.
अखबार की यह रिपोर्ट प्रदेश की शिवराज सरकार के तमाम दावों को झूठा साबित करने के लिए काफी थी. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद सरकार और खंडवा प्रशासन की खूब किरकिरी भी हुई. लेकिन लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के द्वारा सरकारी दावों को खारिज करना सरकार और प्रशासन को रास नहीं आया. इस खबर के प्रकाशित होने के दो दिन बाद प्रशासन ने अपना नोटिसरूपी हथौड़ा चलाया और संपादक को अप्रत्यक्ष रूप से गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी.
जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय संपादक आशीष चौहान को कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि अखबार ने यह भ्रामक और गलत खबर प्रकाशित की है, जिससे जनता में भ्रम की स्थिति बन गई. जिला प्रशासन द्वारा लोगों को जागरूक किए जाने के प्रयासों को इस खबर से आघात पहुंचा है.
प्रशासन ने लिखा है कि इस पत्र का 24 घंटे में जवाब दे साथ ही बताए आखिर इस भ्रामक खबर के लिए आप पर क्यों ना आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 54, आईटी एक्ट की धारा 66 (डी) और आईपीसी की धारा 505 (1) के तहत केस दर्ज किया जाए.