आगर जिले में शासकीय सेवकों के समस्त प्रकार के अवकाश प्रतिबंधित
आगर-मालवा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अवधेश शर्मा ने जिले के समस्त शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों को जिला मुख्यालय पर निवास करने हेतु आदेषित किया है तथा उनके समस्त प्रकार के अवकाशों को प्रतिबंधित किया है.
जारी आदेशानुसार विधानसभा उप निर्वाचन की घोषणा होने पर आगर विधानसभा क्षेत्र के मतदान बिना किसी गतिरोध के सम्पन्न कराने हेतु सभी शासकीय सेवकों को जिला मुख्यालय पर उपस्थित रहना अनिवार्य है. साथ ही चुनाव कार्य सम्पन्न होने तक अधिकारी-कर्मचारियों के समस्त अवकाष प्रतिबंधित रहेंगे. बीमारी एवं अत्यावश्यक कार्य होने पर जिला निर्वाचन कार्यालय से पूर्व में स्वीकृति प्राप्त करना होगी. समस्त विभाग प्रमुख उक्त आदेश का स्वयं एवं अधीनस्थों से कड़ाई से पालन करवाना सुनिश्चित करेगे.
6 अक्टूबर को होगी विधानसभा उप निर्वाचन की तैयारियों हेतु वीडियों कॉन्फ्रेंस
भारत निर्वाचन आयोग के उप निर्वाचन आयुक्त सुदीप जैन द्वारा वीडियों कान्फ्रेंस के माध्यम से 6 अक्टूबर को अपरान्ह 04ः00 बजे से 06ः00 बजे के मध्य उप निर्वाचन-2020 की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी. वीसी में उप निर्वाचन वाले जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को स्थानीय वीसी कक्ष में अब तक की तैयारियों के साथ उपस्थित रहना होगा.
भारत निर्वाचन आयोग को प्रेषित किये जाने वाले प्रस्तावों का परीक्षण करने स्क्रीनिंग कमेटी गठित
विधानसभा उप निर्वाचन-2020 की आचार संहिता प्रभावशील होने से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के माध्यम से भारत निर्वाचन आयोग को प्रेषित किये जाने वाले प्रस्ताव का परीक्षण/अनुशंसा करने के लिये राज्य शासन द्वारा स्क्रीनिंग कमेटी गठित की गई है.
इस स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे. अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग तथा जिस विभाग का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जायेगा, उसके अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव भी कमेटी के सदस्य होंगे.
जारी आदेश के मुताबिक अब कोई भी विभाग विधानसभा उप निर्वाचन के संदर्भ में जारी आचार संहिता के दौरान अपना प्रस्ताव स्क्रीनिंग कमेटी के परीक्षण/अनुशंसा के पूर्व मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के माध्यम से अथवा सीधे भारत निर्वाचन आयोग को प्रेषित नहीं करेगा. स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत करने के पूर्व प्रशासकीय विभाग भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों/स्पष्टीकरण का पर्याप्त अध्ययन और उसके अनुसार परीक्षण करते हुए भारत निर्वाचन आयोग के सुसंगत निर्देशों/आदेशों का हवाला देते हुए उसे संदर्भित करेगा. प्रशासकीय विभाग को अपने प्रस्ताव में यह औचित्य भी दर्शाना होगा कि प्रस्ताव अत्यंत महत्वपूर्ण क्यों है और निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक इसे क्यों नहीं रोका जा सकता है.
भारत निर्वाचन आयोग को प्रेषित किया जाने वाला प्रस्ताव स्वयं स्पष्ट टीप के रूप में भेजा जायेगा न कि नस्ती के रूप में. प्रस्ताव भेजने के पूर्व भारत निर्वाचन आयोग के निर्णय में लगने वाले संभावित समय का विशेष ध्यान रखना होगा. प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जायेंगे. जो प्रस्ताव उक्त मापदण्डों की पूर्ति करते हुए नहीं होंगे, उन्हें लौटा दिया जायेगा.