लॉकडाउन के बाद प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे घरेलू हिंसा के मामले, चौकाने वाले है यह आंकड़े

कोरोना संक्रमण को काबू में करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बाद से घरेलू हिंसा के मामलों में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. मध्यप्रदेशप्रदेश के सभी जिलों में हर दिन घरेलू हिंसा के कई मामले दर्ज हो रहे हैं. बढ़ते घरेलू हिंसा के मामलों के पीछे कई वजहे सामने आ रही हैं. बढ़ते घरेलू हिंसा के मामलों पर देखिए दि टेलीग्राम की स्पेशल रिपोर्ट…


भोपाल। कोरोना संक्रमण से जूझ रहे भारत के लिए अब कई बड़ी चुनौतियां भी सामने आ रही हैं. लॉकडाउन के बाद से घरेलू हिंसा के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है. ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि, महिला आयोग और पुलिस थानों में दर्ज हुए आंकड़े खुद इस बात की गवाही दे रहे हैं.


लॉकडाउन के बाद से ही पुलिस थानों में घरेलू हिंसा के मामलों की शिकायतों का ढेर लगा हुआ है. हर रोज दहेज प्रथा, डोमेस्टिक वायलेंस, पति-पत्नी के झगड़ों की शिकायत पुलिस में दर्ज कराना इस वक्त आम बात हो गई है.

लॉकडाउन के बाद भोपाल में घरेलू हिंसा के आंकड़ें

●लॉकडाउन के बाद भोपाल में अब तक 1 हजार से ज्यादा घरेलू हिंसा के मामले दर्ज हुए.

●250 से ज्यादा शिकायतें महिला आयोग में दर्ज की गईं.

●300 से ज्यादा मामले महिला थाने में दर्ज हुए

●450 से ज्यादा मामलों की शिकायत भोपाल के अलग-अलग थानों दर्ज की गई

●फैमली कोर्ट में हर दिन होती है 8 से 10 मामलों की सुनवाई

घरेलू हिंसा के मामलों की काउंसलिंग करने वाली सरिता रज़ानि कहती है कि लॉकडाउन के बाद से अचानक घरेलू हिंसा के मामले बढ़ गए हैं. जो कही न कही परेशानी की बात है. जहां घर में महिलाओं के बीच बन नहीं रही है. तो पति-पत्नी के बीच भी जमकर झगड़े हो रहे हैं. जबकि लॉकडाउन के बाद से लोग लगातार घरों पर रहे हैं. ऐसे में तनाव और अवसाद की वजह से घरेलू हिंसा में इजाफा हो रहा है. जबकि शराब घरेलू हिंसा की एक बड़ी वजह है.

शराब की वजह से भी हो रही घरेलू हिंसा

लॉकडाउन के बीच लोग शराब खरीद कर घर ले जा रहे हैं और शराब का सेवन कर रहे हैं. जिसके बाद घर में छोटी-छोटी लड़ाइयां विकराल रूप ले रही हैं. काउंसलरों की माने तो ज्यादातर मामले शराब की वजह से सामने आए हैं. लेकिन एक बड़ी वजह यह भी है क्योंकि घरों में बैठे लोग शराब का जमकर सेवन कर रहे है.

बच्चों ने भी शिकायत दर्ज कराई

बड़ा सवाल यह है कि बच्चे भी मां-बाप के घरेलू झगड़ों में उलझे हुए दिखाई दे रहे हैं. बाल आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान कहते हैं कि ऐसे कई मामले भी सामने आए हैं, जहां मां-बाप की लड़ाई से बच्चों ने परेशान होकर मामले दर्ज कराए हो. एक लड़के ने इस बात की शिकायत दर्ज कराई थी मां-बाप के झगड़े में वह परेशान हो रहा. जहां उसकी मां उसे केवल पिता से इसलिए नहीं मिलने दे रही क्योंकि उसका पापा से झगड़ा हो गया है.

जानकारों का मानना है कि कोरोना की वजह से आम आदमी की जिंदगी बदली है. किसी की नौकरी छूट गई. तो किसी का काम बंद हो गया. तो कई लोग दूसरी वजहों से भी परेशान हुए. जिसके चलते घरेलू हिंसा के मामले बढ़े. माना जा रहा है कि घरेलू हिंसा के मामले इससे ज्यादा भी हो सकते हैं, क्योंकि कई मामलों की तो शिकायत भी दर्ज नहीं होती. ऐसे मे कोरोना संक्रमण के साथ बढ़ते घरेलू हिंसा के मामले सरकार के लिए दौहरी चुनौती खड़े कर रहे हैं.

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