परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिए शव मांगा तो CMO साहब ने गुस्से में बेरहमी से करदी युवक की पिटाई, सोशल मीडिया पर ससपेंड करने की उठी मांग
बालाघाट। एक तरफ मध्यप्रदेश में कोरोना से हाल बेहाल है, लोग अपनों को खोने के गम से उभर नहीं पा रहे हैं तो वहीं शासकीय अफसरों का अमानवीय चेहरा भी इस कोरोना काल में सामने आ रहा है. मामला बालाघाट जिले के लांजी क्षेत्र का है, जहां नगर परिषद के सीएमओ द्वारा एक युवक की बेरहमी से पिटाई करने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ है. सीएमओ साहब ने सिर्फ युवक की पिटाई ही नहीं की बल्कि उसके साथ बदसलूकी कर गाली-गलौज भी की और पास खड़ी पुलिस मूकदर्शक बन तमाशा देखती रही.
जब सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ तो हमने मामले की पड़ताल की उसके बाद हमें पता लगा कि युवक की सीएमओ साहब पिटाई कर रहे हैं, उस युवक के परिजन की कोरोना के कारण मौत हो गई थी और युवक अपने परिजन का शव मांग रहा था जबकि प्रशासन कोविड-19 प्रोटोकॉल के अंतर्गत मृतक का अंतिम संस्कार करने की तैयारी कर रहा था. लेकिन युवक भावुक हो गया और उसने सीएमओ से शव देने को लेकर बहस की तभी सीएमओ साहब को इतना गुस्सा आया कि वह सभी संविधान में लिखे गए कानून कायदे भूल गए और उन्होंने युवक की बेरहमी से पिटाई कर दी.
आखिर सवाल यह उठता है कि सीएमओ साहब को युवक की पिटाई करने का हक किसने दिया?
अगर युवक कोई अभद्रता कर रहा था तो पुलिस के हवाले उसे कर देना था लेकिन खुद कानून को हाथ में लेना कौन सी कानून की किताब में लिखा है?
ससपेंड करने की उठी मांग
आजाद समाज पार्टी मध्य प्रदेश के नेता सुनील अस्तेय ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि, ये कोई गुंडा नहीं हॉस्पिटल का CMO है।
इलाज में लापरवाही के चलते परिजन ने जब हक की आवाज उठाई तो पुलिस की मौजदगी में मरीज के परिजन को पिट रहे है। मामला: तहसील- लांजी, जिला-बालाघाट का है।
@ChouhanShivraj ऐसे भृष्ट अधिकारी को सस्पेंड करें ताकि आम जनता को न्याय मिले।@DrPRChoudhary
सवाल है कि अगर कोई पैसे वाला व्यक्ति, राजनेतिक प्रभाव रखने वाला व्यक्ति होता तो क्या CMO साहब इस प्रकार का व्यवहार करते….?
पास में खड़े पुलिस अधिंकारी भी चुप है।
ऐसे अधिंकारी को सस्पेंड करें।