इधर स्वागत- उधर विरोध, आयुर्वेदिक और एलोपैथिक डॉक्टर आए आमने-सामने
–मिक्सोपैथी का मामला
दमोह से शंकर दुबे की रिपोर्ट
केंद्र सरकार द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सकों को 58 प्रकार की सर्जरी के अधिकार दिए जाने के फैसले का स्वागत नीमा ने किया है । वहीं दूसरी ओर एलोपैथिक चिकित्सा संघ ने एक दिवसीय ओपीडी बंद रखकर फैसले का विरोध जताने का निर्णय लिया है। इसी तारतम्य में नीमा पदाधिकारियों ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा।
नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन ने केंद्र सरकार के उस फैसले का स्वागत किया है जिसमें आयुष चिकित्सकों को 58 प्रकार की सर्जरी के अधिकार दिए गए हैं। इस आशय की जानकारी आज नीमा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ विजय सिंह राजपूत, नीमा के जिला अध्यक्ष डॉ सी एल नेमा, मीडिया प्रभारी डॉक्टर सुरेंद्र पटेल एवं डॉ राजकुमार पटेल ने संयुक्त रूप से दी। नीमा पदाधिकारियों ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा जो बीएएमएस चिकित्सकों को शल्यक्रिया के अधिकार दिए गए हैं वह स्वागत योग्य है। इस फैसले से चिकित्सा जगत में एक अभूतपूर्व क्रांति आएगी । पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए डॉक्टर राजकुमार पटेल ने कहा कि फिस्चुला, बवासीर, आंख, कान, नाक, हाइड्रोसिल, हार्निया सहित करीब 58 प्रकार की छोटे-बड़े ऑपरेशन अब आयुष अधिकारी कर सकेंगे। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों को पूरा करना होगा। जिसमें नीट के जरिए एग्जाम क्वालीफाई करने वाले चिकित्सकों को सरकारी खर्च पर ही 3 साल तक सर्जरी की शिक्षा प्राप्त करना होगी। उसके बाद वह चिकित्सक पूरे भारत में कहीं पर भी उपरोक्त 58 प्रकार की सर्जरी कर सकेंगे।
नीमा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ विजय राजपूत ने उस अवधारणा का खंडन किया जिसमें एलोपैथिक और आयुर्वेदिक चिकित्सकों के बीच मतभेद पैदा किए जा रहे हैं । उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक चिकित्सकों के सर्जरी पेशा में आने के बाद एलोपैथिक चिकित्सकों को किसी तरह की कोई क्षति नहीं होगी, न उनके व्यवसाय पर किसी तरह का असर पड़ेगा। जिस तरीके से वह अपना कार्य करते हैं करते रहेंगे। लेकिन समाज के जो गरीब और पिछड़े तबके के लोग हैं जो महंगा उपचार नहीं करा पाते हैं उनके लिए आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा सर्जरी की सुविधा बेहद ही कम शुल्क में तथा सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क ही उपलब्ध हो जाएगी। सरकार का यह कदम चिकित्सा जगत के लिए अभूतपूर्व साबित होगा। उन्होंने केंद्र सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करते हुई कहा कि सरकार ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों की पीड़ा को समझ कर ही यह कानून बनाया है । उन्होंने यह भी कहा कि जब वह विधायक थे तब मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समक्ष उन्होंने आयुर्वेदिक चिकित्सकों को कुछ अधिकार दिए जाने की मांग की थी। तब दिग्विजय सरकार ने उनकी मांग पर बहुत सारे अधिकार आयुर्वेदिक चिकित्सकों को दिए थे।
कलेक्टर को दिया ज्ञापन
बैठक के पश्चात नीमा के पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए एक धन्यवाद ज्ञापन कलेक्टर तरुण राठी को सौंपा। इसमें उन्होंने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि जो विश्वास सरकार ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों पर जताया है वह उसे कायम रखेंगे।
कल ओपीडी रहेंगी बंद
इधर आयुर्वेदिक अधिकारियों को सर्जरी के अधिकार दिए जाने के विरोध में एलोपैथिक डॉक्टर अपनी ओपीडी गुरुवार को बंद रखेंगे । एलोपैथिक चिकित्सा संघ के जिला अध्यक्ष डॉ डी एम संगतानी और कोषाध्यक्ष डॉक्टर नवीन सोनी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जो मिक्सोपैथी के लिए कानून पास किया गया है उसका हम विरोध करते हैं। सुबह 6 बजे से शाम के 6 बजे तक एक दिन सभी एलोपैथिक चिकित्सक अपनी ओपीडी बंद रखकर विरोध दर्ज कराएंगे। वही नीमा ने कहा है कि वह अपनी ओपीडी खुली रखेंगे।